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Kanpur News Today, Kanpur News Hindi, Kanpur, Ramleela, Kanpur | माताओं से भिक्षा लेकर गुरुकुल गए प्रभु राम: जयघोष वन को ताड़का के आतंक से कराया मुक्त, राम को देख मंत्रमुग्ध हुए मिथिलावासी – Kanpur News

परेड रामलीला में हुए संवाद को देखकर लोग हुए मंत्रमुग्ध।

कानपुर के श्री रामलीला सोसाइटी परेड में आयोजित रामलीला के दूसरे दिन भगवान राम, लक्ष्मण भरत व शत्रुघन शिक्षा-दीक्षा के लिए ऋषि वशिष्ठ के साथ गुरुकुल को रवाना हुए। गुरुकुल जाने से पहले चारो युवराजों का उपनयन संस्कार हुआ। ब्रह्मचर्य जीवन का पालन करने से

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गुरुकुल की शिक्षा से बंधे महाराज दशरथ ने चारों पुत्रों को ब्रह्मचर्य नियमों की उन्हें जानकारी दी। गुरुकुल जाते हुए ‘गुरुकुल की शिक्षा श्री राम की शिक्षा, गुरुकुल की शिक्षा से बंधे हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम…भजन ने पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर लिया। इसके साथ ही ताड़का वध व प्रभु श्री राम का लक्ष्मण के साथ जनक नगर के भ्रमण का भी मंचन किया गया।

राजा रंक सब छात्र एक, गुरुकुल के है नियम विधान रामलीला मंचन में गुरु वशिष्ठ अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र श्री राम को सभी सामान्य छात्रों के तरह ही समान भाव से देखते हुए बताते है कि गुरुकुल में राजा हो रंक का पुत्र सब छात्र एक समान है, गुरुकुल में सभी छात्रों के लिए एक ही तरह का नियम है।

मंचन के दौरान अध्ययन के बाद प्रभु श्री राम को मां की याद सताती, जिस पर गुरु मां उनको लोरी सुनाती। गुरु मां में मां कौशल्या का स्वरूप देख प्रभु चैन की नींद सो जाते।

एक बाण से राक्षसी ताड़का का किया संहार जयघोष के वन प्रदेश पर गुरु वशिष्ठ के साथ भ्रमण पर निकले श्री राम व लक्ष्मण ने ताड़का के पदचिन्ह देख गुरु से पूछा तो उन्होंने वन प्रदेश पर राक्षसी ताड़का के आतंक की जानकारी दी।

गुरु वशिष्ठ ने बताया कि अगस्तय मुनि के श्राप से राक्षसी बनी ताड़का व उसके पुत्र मारीच के विनााश से पूरा नगर उजाड़ दिया। मंचन के दौरान मायावी ताड़का की भयानक हंसी से मंच पर भय का माहौल व्याप्त हो गया। कुछ ही देर में प्रभु राम ने अपने बाणों से ताड़का का संहार किया। ताड़का वध करते ही भक्त जय श्रीराम के उद्घोषों से पंडाल गुंजायमान हो उठा।

गुरु आज्ञा ले किया मिथिला नगरी का भ्रमण ‘देखन नगर भूपसूत आए, समाचार पुरबासी पाएं’लीला मंचन में ताड़का समेत अन्य मायावी राक्षसों को मारने के बाद गुरु वशिष्ठ की आज्ञा ले श्रीराम, लक्ष्मण के साथ नगर भ्रमण को जाते है। प्रभु राम को देखते ही मिथिलावासियों में कौतूहल का माहौल बन जाता है। लोग फूल बरसा कर उनका स्वागत करते हैं।

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