Due to continuous rain in Jalaun, Malanga drain overflowed | जालौन में लगातार बारिश होने से मलंगा नाले में उफान: करई बांध के ओवरफ्लो होने से कोंच नगर के घरों में घुसा पानी – Jalaun News

जालौन में मंगलवार रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के कारण करई बांध के ओवरफ्लो हो जाने से कोंच नगर से निकला मलंग नाला उफान कर आ गया। जिससे कोंच नगर के तीन मोहल्ले में पानी घुस गया। पानी घुस जाने के कारण सैकड़ों लोग प्रभावित हो गए। जिसकी जानकारी जैसे ही
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जहां उन्होंने हालात देखते हुए तीन राहत शिविर बना दिए। जिससे प्रभावित लोगों को सकुशल राहत शिविर में पहुंचा जा सके। वहीं नगर पालिका द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव चलाई जा रही है। जिससे लोगों को घरों से सुरक्षित निकाला जा सके।
बता दें कि मंगलवार रात से ही जालौन में मूसलाधार बारिश हो रही है। इस बारिश के कारण आसपास के इलाकों का जमा पानी मलंगा नाले में पहुंचने लगा। वहीं करई बांध के ओवरफ्लो हो जाने के कारण उसका भी पानी मलंगा नाले में छोड़ा जा रहा है। जिस कारण कोंच नगर से निकले इस नाले में बाढ़ आ गई है। जिस कारण नाले किनारे बसे गांधीनगर, गोखले नगर और मालवीय नगर में बाढ़ का पानी घुस गया। जिससे यह मोहल्ले प्रभावित हो गए और सैकड़ों लोग बाढ़ की चपेट में आ गए।

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कोंच की ओर जिलाधिकारी ज्योति सिंह तहसीलदार वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता नायक तहसीलदार जितेंद्र सिंह पटेल, माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन, नगर पालिका अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता और अधिशासी अधिकारी पवन किशोर ने गांधीनगर तथा गोखले नगर स्थित मलंगा नाले से प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से बात की साथ ही साथ ही उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

कोंच की उपजिलाधिकारी ज्योति सिंह ने बताया कि मलंगा नाले के उफान पर आ जाने के कारण कोंच नगर की तीन मोहल्ले गांधीनगर गोखले नगर और मालवीय नगर प्रभावित हुए हैं। यहां के लगभग 100 से अधिक लोगों के घरों में पानी पहुंच गया है। कोंच नगर में तीन राहत शिविर चौबे पार्क, कमला नेहरू और नगर पालिका की धर्मशाला में बनाया गया है। जहां शिविर के साथ-साथ कम्युनिटी किचन भी बनाई गई है। जिससे लोग वहां रहकर भोजन कर सकते हैं।

वहीं माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन ने कहा कि उन्होंने नगर पालिका के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता तथा ईओ पवन किशोर के साथ ट्रैक्टर से बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया। साथ ही निर्देश दिए कि वह बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए समुचित व्यवस्था करें। जिससे उन्हें किसी प्रकार की समस्या न हो।