Scene recreation of conspiracy to derail Kalindi Express train| Forensic team collected evidence in Kanpur| rail accident| TRAIN ACCIDENT NEWS UPDATE | कालिंदी एक्सप्रेस के बाद 71 बार स्लीपर से टकराया सिलेंडर: कानपुर में रेलवे ट्रैक से मिले 10 सबूत, अंगुलियों और पैरों के निशान उठाएंगे साजिश से पर्दा – Kanpur News

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को डिरेल करने की नाकाम साजिश रची गई। इस मामले में लखनऊ से पहुंची फोरेंसिक टीम ने रेल ट्रैक की जांच की। सीन रिक्रिएट किया। जांच में यह बात निकलकर सामने आई कि इंजन से टकराने के बाद सिलेंडर 71 बार स्लीपर (ट्रैक) से टकर
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फोरेंसिक टीम ने दूसरे सिलेंडर को ट्रैक पर रखकर पूरी घटना को दोहराया। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। इस फुटेज को भी लैब में बारीकी से जांचा जाएगा। फोरेंसिक टीम के एक्सपर्ट के मुताबिक- इंजन से टकरने के बाद सिलेंडर करीब 50 मीटर तक ट्रैक से टकराता रहा। जब यह स्लीपर से फंसा, तब झटके से दूर झाड़ियों में जा गिरा। गनीमत रही कि यह फटा नहीं।
टीम को ट्रैक के स्लीपर में 71 पॉइंट पर सिलेंडर का पेंट, टकराव के निशान मिले हैं। इसके अलावा स्पॉट से 10 सैंपल कलेक्ट किए गए हैं। ट्रैक के आसपास की मिट्टी में पैरों के निशान मिले। जिस बैग में माचिस और बारूद मिला, उससे फिंगर प्रिंट को कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा गया है।
सीन रीक्रिएशन की 3 तस्वीरें
ट्रैक पर सिलेंडर रखा गया, इसके बाद इसके टकराव की जांच की गई।

टीम को जांच के दौरान पता चला कि सिलेंडर को ट्रैक पर खड़ा कर के रखा गया था।

सिलेंडर टकराने के बाद कैसे उछला और कितनी दूर गिरा, एक्सपर्ट ने इसका भी आकलन किया।
स्लीपर पर मार्क किए 71 डैमेज पॉइंट
फोरेंसिक एक्सपर्ट ने ट्रैक पर 71 जगह डैमेज पॉइंट चिन्हित किए। सिलेंडर की टकराव से स्लीपर में यह डैमेज हुआ है। एक्सपर्ट की मानें तो कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन से टक्कर के बाद सिलेंडर ट्रैक की सीध में तेज रफ्तार से निकला। टक्कर वाली जगह से सिलेंडर चौथे, 7वें, 12वें, 13वें, 14वें, 27वें, 39वें, 48वें और 50वें स्लीपर से टकराया। इनमें टकराने के निशान मिले हैं। यह सभी निशान स्लीपर के बाएं तरफ हैं।
इसके बाद सिलेंडर की दिशा बदल गई। फिर यह 59वें, 60वें और 70वें स्लीपर के दाएं तरफ टकराया। 71 वें स्लीपर के टकराव के बाद सिलेंडर हवा में उछला और 7 स्लीपर छोड़ ट्रैक के दाहिनी ओर झाड़ियों में जा गिरा।

यह स्लीपर पर 71वां मार्क है, जहां अंतिम बार सिलेंडर टकराया।
एक्सपर्ट का मानना है कि सिलेंडर ट्रेन के साथ घिसटता नहीं गया, नहीं स्लीपर बुरी तरह डैमेज होते। हालांकि, टकराने से इनमें मामूली टूट हुई है। टीम ने यह भी बताया कि ट्रैक पर सिलेंडर को खड़ा कर के रखा गया था।
अगर ब्लास्ट होता तो यह कितना बड़ा ट्रेन हादसा होता?
फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने साजिश के पीछे की मंशा के लिए इस सवाल पर भी पड़ताल की है। एक्सपर्ट ने देखा कि अगर सिलेंडर में ब्लास्ट होता तो यह कितना बड़ा ट्रेन हादसा होता? मौके से सैंपल कलेक्ट किए गए हैं। इन्हें लैब में जांच के लिए भेजा गया है।
फॉरेंसिक टीम ने करीब 300 मीटर तक मैग्नीफाइंग लेंस से जांच की। टीम ने ह्यूमन गूजबंप्स यानी आदमी के रोंगटे तलाशे। टीम ने कुछ फुट प्रिंट के सैंपल कलेक्ट किए हैं।

CCTV में दिखे दो संदिग्ध
जिस वक्त कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश हो रही थी। उससे पहले ट्रैक के बगल के गुजर रहे अलीगढ़-कानपुर हाईवे के टोल प्लाजा पर 2 संदिग्ध लड़के CCTV में देखे गए। ट्रेन हादसे के ठीक पहले से दोनों हाईवे पर मौजूद थे। ट्रेन हादसा होने के बाद बाइक पर बैठे और वहां से निकल गए।

CCTV में दो संदिग्ध दिखाई दिए हैं।
अब तक 54 पुलिस अधिकारी और 300 जवानों की टीम ने की जांच
कानपुर से अनवरगंज-कासगंज रूट पर 8 सितंबर की रात कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को डिरेल करने की साजिश रची गई। मामले के खुलासे के लिए कानपुर पुलिस की 6 टीमें, कानपुर और लखनऊ की फोरेंसिक की टीम, LIU, IB, NIA, GRP और RPF लगी है। इन टीमों में 300 लोग हैं। 4 दिनों में 54 पुलिस अधिकारी स्पॉट का मुआयना कर चुके हैं।
रेलवे के अफसरों ने पुलिस कमिश्नर के साथ चर्चा की
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के साथ रेलवे के अधिकारियों ने भी बड़ी बैठक करके पूरे मामले को समझा है। रेलवे ने संबंधित जानकारी पुलिस अफसरों से साझा की है। पुलिस और रेलवे के अफसरों के सहयोग से कानपुर पुलिस कमिश्नर पूरे मामले का खुलासा करने का प्रयास कर रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक यह बैठक चली और जांच को लेकर अहम बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई है। पुलिस और जीआरपी व आरपीएफ जल्द ही सूनसान इलाकों वाले रेलवे ट्रैक पर फुट पेट्रोलिंग का भी ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए कहा है।
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NIA-ATS की जांच में कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर और पेट्रोल बम से उड़ाने की कोशिश के पीछे आतंकी मूवमेंट का हाथ सामने आ रहा है। यही लोग लगातार एक के बाद एक ट्रेनों को डिरेल करने की कोशिश कर रहे हैं। जांच एजेंसियों की मानें, तो पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने भारत में ट्रेनों को पटरियों से उतारने की धमकी दी थी। इसके बाद एक्टिविटी बढ़ी है, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही। क्योंकि ये कोई ट्रेंड आतंकी नहीं हैं। पढ़िए पूरी खबर…