उत्तर प्रदेश

High court gave order of promotion | हाईकोर्ट ने दिया प्रमोशन का आदेश: रिटायर्ड चिकित्साधिकारियों को सैद्धांतिक प्रोन्नति देने का मामला, 15 से 21 वर्ष पहले हो चुके रिटायर – Lucknow News

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रिटायर्ड चिकित्साधिकारियों के प्रोन्नति से सम्बंधित याचिकाओं पर आदेश सुनाते हुए, राज्य सरकार को आदेश दिया है। याची चिकित्साधिकारियों को सैद्धांतिक प्रोन्नति (नोशनल प्रमोशन) देते हुए, उनके वेतन को दोबारा निर्धारित क

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न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा है, कि यह कार्यवाही तीन माह में पूर्ण कर ली जाए। साथ ही इसी क्रम में याचियों को पेंशन, रिटायरल ड्यूज व ग्रेच्युटी उपलब्ध कराई जाए। न्यायालय ने चेतावनी भी दी है, कि यह कार्यवाही यदि तीन माह में नहीं पूर्ण की जाती है, तो याचियों को छह प्रतिशत ब्याज की दर से भुगतान करना होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने डॉ. विनोड चंद्र जैन व अन्य, डॉ. फरीद इकबाल जुबेरी व अन्य तथा डॉ. महेश कुमार गुप्ता व अन्य की ओर से वर्ष 2019 व 2020 में दाखिल याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने के पश्चात पारित किया।

याचियों ने याचीका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉ. चंद्र प्रकाश मामले में 4 दिसम्बर 2002 को दिए गए फैसले के आलोक में नोशनल प्रमोशन दिए जाने की मांग की थी। याचियों में से ज्यादातर को सेवानिवृत्त हुए 15 से 21 वर्ष हो चुके हैं।

याचियों ने सरकार के वर्ष 2005 व 2018 के आदेशों को भी चुनौती दी थी, जिनमें याचियों को प्रमोशन देने से इंकार करते हुए, कहा गया था, कि उन्हें सभी लाभ पूर्व में ही दिए जा चुके हैं।

न्यायालय ने शीर्ष अदालत के डॉ. चंद्र प्रकाश मामले में दिए गए फैसले के आलोक में पारित अपने आदेश में पाया कि याचियों को नोशनल प्रमोशन का अधिकार है। साथ ही सरकार को उन्हें अपर निदेशक व निदेशक के पदों पर उक्त प्रमोशन देने का आदेश दिया है।

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