उत्तर प्रदेश

Former Deputy Chairman accused in Nagar Nigam violence and uproar gets bail Varanasi, Banaras, former Deputy Chairman had attacked officials including the Municipal Commissioner during the House on 18 October 2004. | नगर-निगम में मारपीट-बवाल में आरोपी पूर्व उप सभापति को जमानत: पूर्व उप सभापति ने 18 अक्टूबर 2004 को सदन के दौरान नगर आयुक्त समेत अधिकारियों पर किया था हमला – Varanasi News

वाराणसी में नगर निगम के सदन की कार्रवाई के दौरान नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों से मारपीट, हंगामा और बलवा करने में नामजद पूर्व पार्षद और पूर्व उप सभापति को कोर्ट ने राहत दे दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने सोनारपुरा निवासी पूर्व उ

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कोर्ट के सम्मन पर निरुद्ध पूर्व उप सभापति को 20-20 हजार के दो बंधपत्रों और दो जमानतदारों के आधार पर आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव और चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा।

20 साल पहले हुआ था बवाल और मारपीट

18 अक्टूबर 2004 को वाराणसी नगर निगम में सदन की बैठक के दौरान बलवा व मारपीट के मामले में आरोपित पूर्व उप सभापति शैलेंद्र यादव उर्फ बिल्लू को साथियों समेत नामजद किया गया था।

तत्कालीन नगर आयुक्त लालजी राय ने सिगरा थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था कि 18 अक्टूबर 2004 को अपराह्न 3 बजे नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक चल रही थी।

सुनियोजित ढंग से कुछ लोग बैठक में हंगामा करने और गाली गलौज देने लगे। बाहर से भी कुछ लोग घुस आए और धमकी देते हुए नगर आयुक्त पर हमला बोल दिया। आरोप लगाया कि जान से मारने की कोशिश करते हुए उनके और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा विरोध किया तो मारपीट की कोशिश की।

हमलावरों पर दरवाजा बंदकर तोड़फोड़ का आरोप

हंगामा करने वालों में शामिल मंगल प्रजापति, शैलेन्द्र यादव, ओपी सिंह, नईम अहमद, भरत लाल, शम्भूनाथ बाटुल, मुरारी यादव, राजेश कुमार यादव आदि सभासदों ने अपने 7-8 अज्ञात साथियों के साथ मिलकर कार्यकारिणी कक्ष के दरवाजे को अन्दर से बन्द कर दिया और अपने साथियों से सभी को जान से खत्म करने के लिए उकसाया।

जिसके बाद सभी हमलावर अपने अन्य अज्ञात साथियों के साथ मिलकर नगर आयुक्त समेत अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ऊपर लात-मुक्का चलाते हुए ढकेल दिया। जिस पर एक अधिकारी को चोटें आई। हमलावरों ने सभागार में तोड़फोड़ करने के साथ ही काफी हंगामा किया।

विवेचना में सामने आया शैलेंद्र का नाम

केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले में विवेचना के दौरान पूर्व उपसभापति शैलेंद्र यादव उर्फ बिल्लू का नाम प्रकाश में आने पर पुलिस ने उसे आरोपित बनाया था। बाद में अन्य साथियों की तलाश की गई। इसमें तत्कालीन महापौर सहित कार्यकारिणी समिति के सदस्य, नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त केएन राय, सुभाष पाण्डेय, सतीश चन्द्र मिश्र, रमेश चन्द्र सिंह, सहायक नगर आयुक्त आदि भी मौजूद थे।

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