FIR will be lodged against Gorakhpur AIIMS director for fraud | गोरखपुर AIIMS डॉयरेक्टर पर होगी फर्जीवाड़े की FIR: बेटे को गोरखपुर-बेटी को पटना AIIMS में कराया ज्वाइन, दोनों का बनवाया फर्जी OBC सर्टिफिकेट – Gorakhpur News

गोरखपुर AIIMS के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. गोपाल कृष्ण पाल पर अब फजीवाड़ा करने के मामले में FIR दर्ज होगी। इसके लिए गोरखपुर AIIMS के सर्जरी विभाग के HOD और एडिशनल प्रोफेसर डॉ. गौरव गुप्ता ने AIIMS पुलिस को तहरीर भी दे दी है। डॉ. गौरव गुप्ता ने इस म
.
AIIMS गोरखपुर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO प्रो. जीके पाल ने बेटे ओरो प्रकाश पाल का AIIMS गोरखपुर के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में MD-PG कोर्स के लिए एडमिशन करवाया। जिसमें उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर बेटे को सिर्फ OBC ही नहीं दिखाया बल्कि अपने परिवार की आय 8 लाख रुपए से कम होने का शपथपत्र भी दे डाला।
यह तस्वीर AIIMS डायरेक्टर डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के बेटे ओरो प्रकाश पाल की है।
बेटी को भी फर्जी तरीके से कराया पटना AIIMS में ज्वाइन AIIMS डॉयरेक्टर के फजीवाड़े का मामला सामने आने के बाद सिर्फ गोरखपुर से लेकर पटना AIIMS तक हड़कंप मच गया। जब पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई तो पता चला कि डायरेक्टर जीके पाल ने सिर्फ बेटे के ही एडमिशन में फजीवाड़ा नहीं किया, बल्कि अपनी बेटी को भी फर्जी OBC NCL सर्टिफिकेट बनाकर पटना AIIMS के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर रेसिडेंट के पद पर जॉइन करवाया है।

यह तस्वीर AIIMS डायरेक्टर डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के बेटी की है।
फजीवाड़ा में पत्नी और बेटा भी शामिल AIIMS पटना में सीनियर रेसिडेंट के जॉब्स का प्रकाशित हुआ एडवर्टिजमेंट साफ तौर कहता है कि IB केटेगरी का नॉन क्रीमी लेयर का डॉक्यूमेंट रीसेंट का होना चाहिए (एक साल में बनाया गया)। जब यह बात साफ है कि OBC नॉन क्रीमी लेयर में वही स्टूडेंट्स आ सकते हैं, जिनके माता-पिता की मिलकर सालाना इनकम 8 लाख रुपए से कम हो। जबकि, जीके पाल जो AIIMS पटना और गोरखपुर के डायरेक्टर हैं और उनकी पत्नी प्रवति पाल, जो जिपमर पांडिचेरी में प्रोफेसर हैं, की कुल आय 80 से 90 लाख रुपए के बीच है।
अब आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला…

इस मामले में सर्जरी डिपार्टमेंट के HOD डॉ. गौरव गुप्ता ने पुलिस को तहरीर दी है।
गोरखपुर AIIMS में बेटे और पटना AIIMS में बेटी को कराया ज्वाइन दरअसल, AIIMS गोरखपुर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO प्रो. जीके पाल के बेटे ओरो प्रकाश पाल हैं। उन्होंने 27 अप्रैल 2024 को AIIMS गोरखपुर के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में MD-PG कोर्स के लिए अपना प्रवेश लिया। 30 अगस्त को एडमिशन के बाद उन्होंने पदभार संभाल लिया।
प्रवेश के समय ओरो पाल ने दानापुर, बिहार के पते से जारी OBC प्रमाणपत्र में अपनी आय 8 लाख से कम बताते हुए नॉन-क्रीमी लेयर का शपथपत्र भी दिया था। लेकिन, जब उनके माता-पिता की कुल आय का आकलन किया गया, तो यह पाया गया कि उनके पिता, जो AIIMS पटना और गोरखपुर के डायरेक्टर हैं और उनकी माता, जो जिपमर पांडिचेरी में प्रोफेसर हैं, की कुल आय 80 से 90 लाख रुपए के बीच है, जो शपथपत्र में दर्शाई गई आय से मेल नहीं खाती।
जैसे ही यह मामला सार्वजनिक हुआ और विवाद ने तूल पकड़ा, आनन-फानन में ओरो पाल की नियुक्ति को “निजी कारणों” का हवाला देते हुए रद्द करवा दिया गया। हालांकि, इस मामले के दस्तावेजी प्रमाण पहले ही सामने आ चुके हैं।
हालांकि, AIIMS मीडिया प्रभारी अरूप मोहंती ओरो प्रकाश पाल की नियुक्ति पर उठे विवाद को निराधार बताकर मामले को दबाने में जुटे हुए थे। लेकिन, एक बार फिर पूरे देश में गोरखपुर AIIMS के फजीवाड़ा को लेकर हुई फजीहत के बाद अब AIIMS प्रशासन ने इस मामले में केस दर्ज कराने में भी जुट गया है।
मामले के सामने होने के बाद निदेशक की यात्रा हुई स्थगित
वहीं, AIIMS डॉयरेक्टर जीके पाल इस मामले के सामने आने के बाद सामने नहीं आए हैं। उन्हें मंगलवार को गोरखपुर आना था, लेकिन, फजीवाड़ा सामने आने के बाद अभी पे गोरखपुर भी नहीं पहुंचे हैं।
बेटों की नियुक्ति कराने पर हटाई गईं थीं पहली डायरेक्टर हालांकि, गोरखपुर AIIMS शुरू होने के साथ ही अपने कामों को लेकर नहीं बल्कि अपने कारनामों को लेकर ही हमेशा चर्चा में रहा है। AIIMS में नियुक्ति और फर्जीवाड़ा का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी AIIMS की पहली डायरेक्टर सुरेखा किशोर भी जनवरी में अपने बेटों की जूनियर रेजिडेंट के पद पर नियुक्ति कराने के आरोपों के चलते अपना पद गंवा चुकी थीं। अब 8 महीने बाद गोरखपुर AIIMS के डायरेक्टर और पटना AIIMS के डायरेक्टर का भी अपने बेटे और बेटी की नियुक्ति में फजीवाड़ा सामने आया है।