Training started for Ramlila | रामलीला के लिए शुरू हुई तालीम: मथुरा के कोसी में पूजन अर्चन के साथ शुरू हुई तैयारी,एक महीने तक करेंगे पात्र अभ्यास – Mathura News

पूजन के बाद एक महीने तक पात्रों को तालीम देना शुरू कर दिया गया
उत्तर भारत में रामलीला का मंचन बड़े श्रद्धा भाव से किया जाता है। यहां हर जगह की रामलीला की अपनी ख़ासियत है। मथुरा के कोसी की रामलीला ऐतिहासिक है। यहां होने वाली भरत मिलाप लीला देखने के लिए न केवल मथुरा बल्कि आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं। इस राम
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मंत्रों के बीच किया पूजन
कोसी शहर में होने वाली रामलीला के लिए तैयारी शुरू हो गई है। यहां तालाब शाही स्थित श्री राम भवन में वैदिक मंत्रों के बीच विघ्नहर्ता भगवान गणेश और राम भक्त हनुमान जी का पूजन अर्चन किया गया। जिसके साथ ही शुरू हो गई रामलीला की तैयारी।
तालीम शुरू करने से पहले पूजन किया गया
एक महीने तक दी जाएगी तालीम
कोसी में होने वाली रामलीला के लिए पात्रों को तालीम दी जाती है। जिसमें पात्र लीला का मंचन और चौपाइयों को याद करते हैं। पूजन के साथ ही सभी पात्र और रामलीला के आयोजक लीला पूरी होने तक मर्यादा का पालन करते हैं। इस दौरान वह जमीन पर सोते हैं और नशा आदि नहीं करते।
भक्ति मय माहौल में हुआ पूजन
तालीम शुरू करने के अवसर पर कोसी नगर पालिका अध्यक्ष धर्मवीर अग्रवाल, संस्थान के अध्यक्ष अजय मंगला, मंत्री अन्नू वैध समाजसेवी अजय गोयंका सहित रामलीला के पात्रों के द्वारा श्री राम चरित मानस, गणेश जी और हनुमान जी का भक्ति मय वातावरण में पूजन किया गया। इस अवसर पर श्री रामलीला संस्थान के अध्यक्ष और मंत्री ने तालीम प्रक्रिया में मौजूद सभी पात्रों का आशीर्वाद लिया।

वैदिक मंत्रों के बीच श्री गणेश और हनुमान जी का पूजन किया गया
30 सितंबर तक चलेगी तालीम
रामलीला के पुरोहित सत्य नारायण शर्मा ने लीला की प्राचीन परंपराओं के अनुरूप तालीम को शुरू कराया। लीला पुरोहित सत्य नारायण शर्मा ने बताया कि 30 अगस्त से तालीम शुरू होकर 30 सितंबर तक 1 महीने चलेगी। जिसके उपरांत ऐतिहासिक श्री रामलीला प्रारम्भ हो सकेगी।
नए पात्रों का किया गया है चयन
इस बार कोसी नगर की प्राचीन रामलीला में नए पात्रों का चयन किया गया है जिससे नगर के लोगो को कुछ नया देखने को मिल सके। इसके साथ ही युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़ेगी। कोसी की रामलीला के दौरान होने वाला भरत मिलाप मेला उत्तर भारत में प्रसिद्ध है। इस मेला में भगवान राम और उनके अनुज भाई भरत हजारों लोगों के कंधों पर चल कर मिलन करते हैं।