Employees term APS as ‘unsafe pension scheme’ | कर्मचारियों ने यूपीएस को ”असुरक्षित पेंशन योजना” बताया: किसी ने स्वागत तो किसी ने विरोध किया – Lucknow News

शनिवार को कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और अमित शाह
केंद्र की मोदी सरकार ने शनिवार को पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) के विकल्प के रूप में नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू किया है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, 10 साल की सेवा पूरी करने पर
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जेएन तिवारी, अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने स्वागत किया
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने इस निर्णय को स्वागत योग्य बताते हुए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर एक साल पहले केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव को आज मंजूरी मिली है। यह योजना 2004 के बाद नियुक्त हुए लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू होगी। हालांकि उन्होंने इसे पुरानी पेंशन का विकल्प मानने से इनकार किया है।

सुशील कुमार त्रिपाठी, अध्यक्ष यूपी मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ
उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रीयल कलेक्टेट कर्मचारी संघ ने सराहा
उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रीयल कलेक्टेट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी ने इस नई योजना को कर्मचारियों की मुख्य मांगों की पूर्ति के रूप में सराहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में एनपीएस में न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी नहीं थी और यह पूरी तरह से शेयर बाजार पर आधारित था। अब सरकार ने अंतिम वेतन का 50% और महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया है। इसे उन्होंने स्वागत योग्य बताया है।

वीपी मिश्र, अध्यक्ष इप्सेफ
इप्सेफ यूपीएस स्वीकार नहीं
इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने यूपीएस पेंशन स्कीम की निंदा की है। ओपीएस के लिए 2 अक्टूबर से सत्याग्रह करने का संकल्प लिया है। इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि सरकार ने पुरानी पेंशन की बहाली, स्थायी राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन, और आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। यदि सरकार ने तत्काल निर्णय नहीं लिया, तो आगामी चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। 12 सितंबर को दिल्ली में संसद के सामने प्रदर्शन की योजना भी बनाई गई है।

शशि कुमार मिश्रा, अध्यक्ष यूपी स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ का विरोध
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने केंद्र सरकार की नई योजना पर असंतोष व्यक्त किया है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने कहा कि यदि यूपीएस लागू किया जा रहा है, तो ओपीएस को बहाल करने में क्या दिक्कत है? उन्होंने मांग की है कि सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम को पूर्ववत बहाल करना चाहिए। उनका कहना है कि यदि यूपीएस लागू करने के बजाय ओपीएस को लागू नहीं किया गया तो यह कर्मचारियों के प्रति सरकार की अनदेखी होगी। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या विधायकों और सांसदों पर भी यूपीएस लागू किया जाएगा।

अफीज सिद्दीकी, वरिष्ठ नेता एआईएसजीईएफ
एआईएसजीईएफ की आलोचना
ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज ग्रेजुएट्स एंप्लॉइज़ फेडरेशन (AISGEF) ने इस नई पेंशन योजना को एनपीएस का ही एक रूप करार दिया है। संगठन के वरिष्ठ नेता अफीज सिद्दीकी का कहना है कि यह योजना असल में एनपीएस की ही एक रूपांतरित स्थिति है और इसे “असुरक्षित पेंशन योजना” के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने पुराने पेंशन स्कीम की बहाली की मांग की है।