Gangster Anurag Dubey’s family expressed gratitude to the Supreme Court | अनुराग दुबे के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट को जताया आभार: फर्रुखाबाद पुलिस को गिरफ्तारी पर रोक, उत्पीड़न पर चेतावनी – Farrukhabad News

फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कसरट्टा निवासी और फरार चल रहे गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस उत्पीड़न के मामले में टिप्पणी करते हुए अनुराग की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी
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माफिया परिवार से जुड़े हैं अनुराग अनुराग दुबे राज्य स्तर पर चिन्हित माफिया अनुपम दुबे का भाई है। अनुपम दुबे पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और मथुरा जेल में बंद हैं। अनुराग पर गैंगस्टर एक्ट सहित दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह लंबे समय से फरार है।
पुलिस उत्पीड़न का आरोप अनुराग की मां कुसुम लता दुबे और माफिया अनुपम दुबे की पत्नी मीनाक्षी दुबे ने पुलिस पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। कुसुम लता ने बताया कि पुलिस के डर से परिवार और बच्चे घर छोड़कर भागे हुए हैं। मीनाक्षी ने बताया कि उनके होटल को बिना किसी उचित कारण के तोड़ दिया गया, जबकि आसपास के अन्य भवनों को नोटिस के बावजूद नहीं तोड़ा गया।
“पुलिस ने जीवन को दहशत में डाल दिया” मीनाक्षी दुबे ने कहा, “पुलिस हर महीने दबिश देती है और डुगडुगी बजाकर मोहल्ले में दहशत फैलाती है। लोग हमारे घर आना-जाना बंद कर चुके हैं। बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी डर के मारे घर नहीं आते। यह सब केवल उत्पीड़न है।”
देवरों पर दर्ज हुए मुकदमे मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि उनके पति के जेल जाने के बाद से ही परिवार के अन्य सदस्यों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “2021 में अनुपम के आत्मसमर्पण के बाद, मेरे तीन देवरों पर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने लगे। पहले किसी पर कोई मामला नहीं था, लेकिन अब 10 से 13 मुकदमे हर एक पर दर्ज हो चुके हैं।”
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से उम्मीद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पर रोक और पुलिस के रवैये पर टिप्पणी के बाद परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बंधी है। परिजनों ने न्यायालय का आभार जताते हुए कहा कि इस फैसले से उन्हें राहत और सुरक्षित महसूस हो रहा है।