Archaeological department found bricks and stones of Kushan period | पुरातत्व विभाग को मिले कुषाण काल के ईंट-पत्थर: टीम 10 दिनों से कर रही है खुदाई, कई रहस्य आ सकते हैं सामने – Maharajganj News

महराजगंज जिले के ऐतिहासिक रामग्राम टीले पर पुरातत्व विभाग की टीम पिछले 10 दिनों से खुदाई कर रही है। इस दौरान कुषाण काल की ईंट और पत्थर जैसी चीजें मिली हैं। खुदाई का काम 18 नवंबर से जारी है, जिससे इतिहास के कई नए रहस्यों से पर्दा उठने की उम्मीद है।
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रामग्राम उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले का एक ऐतिहासिक बौद्ध स्थल है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध के अवशेषों का आठवां हिस्सा यहां के स्तूप में रखा गया था। इसे आज तक नहीं खोला गया।
इतिहासकार बताते हैं कि बुद्ध के निधन के बाद उनके अवशेष आठ राज्यों में बांटे गए थे। सभी राज्यों ने अपने स्तूप में इन अवशेषों को दफनाया, लेकिन रामग्राम के स्तूप को कभी छेड़ा नहीं गया। किंवदंती है कि सम्राट अशोक ने इस स्तूप को खोलने का प्रयास किया था, लेकिन नाग देवता ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
कई अनछुए पहलुओं के सामने आने की उम्मीद
खुदाई के दौरान ईंट और मिट्टी के टुकड़े मिले हैं। ये अवशेष कुषाण काल के बताए जा रहे हैं। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग इस क्षेत्र को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानता है। रामग्राम का उल्लेख चीनी यात्री फाह्यान और ह्वेनसांग ने भी किया है। इसे बौद्ध धर्म के अनुयायी कोलिय वंश का हिस्सा माना जाता है। कोलिय राज्य ने इस स्तूप की सुरक्षा सुनिश्चित की थी।
इस खुदाई से इतिहास के कई अनछुए पहलुओं के सामने आने की उम्मीद है। रामग्राम का स्तूप भारतीय संस्कृति और बौद्ध धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक शोध का एक अहम केंद्र बन सकता है।