Diwali festival today, Laxmi pujan will be done | दीवाली का त्योहार आज, होगा लक्ष्मी पूजन: स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग में पड़ेगी अमावस्या, मिलेंगे विशेष फल; रंग बिरंगी रोशनी से डूबा है शहर – Aligarh News

दीवाली के चलते रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहे हैं शहर के बाजार
दीवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी दिन गुरुवार को महालक्ष्मी का पूजन किया जाएगा, जिससे विशेष फलों की प्राप्ति हागी। पूजा के लिए शाम को शुभ मूहूर्त बन रहे हैं, जिसमें ग्रहस्थ और व्यापारी जन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर
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ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि दीवाली का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी गुरुवार को ही मान्य रहेगा। 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी दोपहर 3:52 तक रहेगी। फिर सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। जो अगले दिन तक रहेगी। लेकिन लक्ष्मी पूजन गुरुवार को ही किया जाएगा।
चित्रा नक्षत्र औ प्रीति योग देंगे विशेष फल
पं. हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:52 तक मान्य रहेगी। फिर सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है। इस दिन चित्रा नक्षत्र मध्य रात्रि बाद 12:44 तक रहेगा। इसके बाद स्वाति नक्षत्र वर्तमान में माना जायेगा।
प्रीति योग 1 नवंबर को सुबह 10:40 बजे तक रहेगा।चित्रा नक्षत्र और प्रीति योग में अमावस्या तिथि का होना अत्यंत शुभ माना जाता है। 31 अक्टूबर को 2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल है। जिसमें किसी भी प्रकार की पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायक माना जाएगा।इस वर्ष 31 अक्टूबर को ही पूर्ण प्रदोष काल माना जाएगा।
दीपावली पूजन के लिए 1 नवंबर दिन शुक्रवार को कुछ समय ही मिलेगा। इसलिए 31 अक्टूबर को ही दीपावली पूजन करना सर्वोत्तम माना जाएगा। इसमें दुकानदार व्यापारी, निजी कारोबारी का काम करने वाले शिक्षा से संबंधित लोग, शिल्पी, चित्रकार, किराना, खाद्य, पदार्थ, सोना-चांदी सभी लोग पूजन कर सकेंगे।
राहुकाल में शुभ कार्य करने से बचें
उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक राहु काल रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित रहेगा। यह इस दिन का सबसे खराब और नेष्ट समय कहा जाएगा। यह समय किसी भी कार्य के लिए शुभ नही रहेगा। इसलिए कोई भी शुभ काम इस समय के बाद ही करें।
यह हैं लक्ष्मी पूजन के शुभ मूहूर्त
घर में पूजा अर्चना के मूहूर्त
शाम 5 बजे से 6:30 बजे तक
शाम 5:37 से 7 बजे तक
शाम 7:15 बजे से रात 8:45 बजे तक
व्यापारियों के लिए शुभ मूहूर्त
शाम 7:15 से 8:45 बजे तक
रात 1:15 से 3:27 बजे तक