Seminar organized on the birth anniversary of Sardar Bhagat Singh | सरदार भगत सिंह की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन: स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को याद करते हुए नमन किया गया – Siddharthnagar News

सिद्धार्थनगर में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 117वीं जयंती के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय डुमरियागंज में एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य, सभी प्राध्यापक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे। इतिहास के असि
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उन्होंने कहा कि सरदार भगत सिंह ने 11 साल की उम्र में जलियां वाला बाग हत्याकांड की घटना से प्रभावित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में कदम रखा। लाहौर कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर गांधी जी के साथ आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए।
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का हिस्सा बन गया
हालांकि, चौरी चौरा कांड के बाद गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया। जिससे भगत सिंह निराश हुए। इसके बाद उन्होंने गांधीजी के अहिंसक तरीके से अलग होकर क्रांतिकारी रास्ता अपनाया। उन्होंने नौजवान सभा नामक एक क्रांतिकारी संगठन बनाया, जो बाद में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का हिस्सा बन गया।
1929 में असेम्बली कांड और जेपी सांडर्स की हत्या के आरोप में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई। इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।