Wrong vaccination scandal in Meerut | मेरठ में गलत टीकाकरण कांड: नौसीखियों को सौंपी वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी, शिकायत के 6 घंटे में कैंसिल हुई परमिशन – Meerut News

मेरठ में हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग ने खूब लापरवाही बरती। नौसीखिये हाथों में वैक्सीनेशन की कमान सौंप दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने जिन संस्थाओं को गांवों में जाकर टीकाकरण करने का जिम्मा दिया उनकी जांच भी नहीं की गई। ये एनजीओ टीकाकरण की
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भाजपा नेता अंकित ने की थी शिकायत
जब स्थानीय लोगों ने वैक्सीनेशन में गड़बड़ी देखी तो उन्होंने इसका विरोध किया। विरोध पर मामला पुलिस और डीएम तक पहुंचा। फिर टीकाकरण की जांच हुई। तो पता चला कि ये एनजीओ वैक्सीनेशन के मामले में जीरो हैं। शिकायत के बाद कार्यवाही के डर से बचने के लिए मेरठ सीएमओ ने आनन-फानन में संस्थाओं से टीकाकरण का काम वापस ले लिया। लेकिन जब तक हजारों लोगों को ये टीका लग चुका था।
भाजपा नेता ने की थी शिकायत

समाधान दिवस में शिकायत के बाद टीकाकरण का रोका काम
गलत टीकाकरण की शिकायत भाजपा नेता अंकित चौधरी ने की थी। अंकित चौधरी ने डीएम, सिटी मजिस्ट्रेट को सारा मामला बताया। कहा कि सबसे सेंसेटिव वैक्सीन हेपेटाइटिस बी, सी है। डब्लूएचओ के अनुसार जो बहुत सीरियसली किया जाना चाहिए। खरखौदा में ये वैक्सीनेशन चल रहा था जब उस स्टाफ से पूछा तो कहा कि ये टीका हेपेटाइटिस और कैंसर को भी कम करेगा। फैजान कौन है पता नहीं, सीएचसी खरखौदा को कुछ पता नहीं, वैक्सीन खुली थी, मेडिकल स्टाफ को कुछ मालूम नहीं था।
समाधान दिवस में उठाया था मामला

एनजीओ को छह घंटे में ही टीकाकरण बंद करने का दिया आदेश
अंकित चौधरी ने कहा कि जब हमने पुलिस बुलाई तो पता चला कि सीएमओ द्वारा संस्था को 7 सितंबर से एक महीने के लिए खरखौदा, जानी, भूड़बराल में वैक्सीनेशन का आदेश दिया था। सरधना के समाधान दिवस में हमने ये शिकायत डीएम से की थी।भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दिन में शिकायत होते ही महज पांच से छह घंटे में उसी दिन शाम को सीएमओ ने इन संस्थाओं का ऑर्डर निरस्त कर दिया। इन संस्थाओं से टीका लगवाने का अगर शासनादेश था तो शाम को निरस्त क्यों कर दिया। कहा कि खरखौदा में टीका लगने के बाद बारह साल के बच्चे और बुजुर्ग महिला की तबियत बिगड़ गई। उनको कुछ हो जाए तो कौन जिम्मेदारी लेगा। आखिर किसके आदेश पर ये वैक्सीनेशन गलत एनजीओ से कराया
सीएमओ बोले पोर्टल पर रहती ब्लैक लिस्टेड कंपनियां

वैक्सीनेशन से जुड़े ये हैं नियम
कोल्डचैन मेंटेंन न होने पर जो वैक्सीन लगती है उससे नुकसान नहीं होगा लेकिन वैक्सीन का प्रभाव नहीं होगा। गलत एनजीओ को हम वैक्सीनेशन का ऐसा कोई टेंडर नहीं दे सकते। सीएमओ ने आगे कहा कि ब्लैक लिस्टेड कंपनियां पोर्टल पर पड़ी रहती है। शिकायत के बाद जब हमने उन संस्थाओं की जांच कराई तो वो लोग अनट्रेंड निकले हैं। उनकी परमिशन हमने 21 सितंबर को ही कैंसिल कर दी।
शासन ने दी परमिशन जब मीडिया ने सीएमओ से उक्त वीडियो की बात कही तो बोले कि कहा कि मुझे बहुत कम टाइम मिलता है वीडियो देखने का टाइम नहीं हैं। कहा कि डीजी हेल्थ का पहले से ही 2023 का पत्र है जिसमें संस्थाओं को नो प्रॉफिट नो लॉस के तहत टीकाकरण करना है। शासन ने इन संस्थाओं को शर्तें पूरी करने पर उनको परमिशन दी। जिसमें मुजफ्फरनगर, शामली, लखीमपुर खीरी, बागपत, मेरठ, बुलंदशहर, रामपुर, गौतमबुद्धनगर, फतेहपुर में टीकाकरण होना है।
100 रुपए और 10 रुपए में लगाती टीका सीएमओ ने आगे बताया कि वैक्सीनेशन के लिए, एनजीओ आरव जनकल्याण समिति, भास्कर एजुकेशन समिति मुजफ्फरनगर और तीसरा जनस्वास्थ्य कल्याण समिति गीतापल्ली आलमबाग लखनऊ को चुना गया। इन्हें अलग-अलग ब्लॉक बांटे गए। जांच के बाद सभी एनजीओ का काम केंसिल कर दिया है। ये संस्थाएं 100 रुपए में टायफाइड और 10 रुपए में हेपेटाइटिस बी का टीका लगाती हैं। पिछले एक महीने से ये टीकाकरण का काम चल रहा है। सातों विधानसभाओं में विधानसभा वार ये कैंप चल रहे हैं।
मुकदमा कराने की बाद में देखूंगा सीएमओ से जब डीएम ने पूरा मामला पूछा तो बोले कि ये सब नेतागिरी है। इनको नेतागिरी दिखानी है। वहीं सीएमओ ने गलत टीकाकरण करने वाले आरोपी एनजीओ के लिए कहा कि उनका ऑर्डर कैंसिल कर दिया है। चेतावनी दे दी है। नहीं मानेंगे तब मुकदमा कराऊंगा।