Contractor-firm and engineer guilty in the collapse of dome of Varanasi Shastri Ghat Letter sent to government on investigation report of ADM City, CM had given instructions for action | वाराणसी शास्त्रीघाट का गुंबद गिरने में ठेकेदार-फर्म और अभियंता दोषी: ADM सिटी की जांच रिपोर्ट के पर शासन को भेजा पत्र, सीएम ने दिए थे कार्रवाई का निर्देश – Varanasi News

वाराणसी में गुरुवार को बारिश के दौरान बलुआघाट की बारादरी में गुंबद गिरने से एक श्रमिक की मौत हो गई थी।
वाराणसी में रामनगर के बलुआ घाट पर बारादरी का गुंबद ढहने से अधेड़ मजदूर की मौत के मामले में डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। एडीएम सिटी की जांच में दोषी मिले ठेकेदार, फर्म और अभियंता पर कार्रवाई की संस्तुति की है।
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एडीएम सिटी ने मामले की जांच में PWD, DRDA और सिंचाई विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों की भूमिका की जांच की। एडीएम ने रविवार को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी, जिसके आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर समेत विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इससे पहले मुख्य महाप्रबंधक एके सिंह ने यूपीपीसीएल) निर्माण ईकाई-3 की जेई और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर (एपीएम) को निलंबित कर दिया गया था। सोनभद्र के कॉन्ट्रैक्टर ओमप्रकाश पांडेय के कार्यों की जांच कराई गई है। लापरवाही और धांधली मिलने पर अब फर्म काली सूची में डाला जा सकेगा।
गुरुवार को छत गिरने के बाद बलुआ घाट पर जुटी स्थानीय लोगों की भीड़।
सबसे पहले आपको बताते हैं बारादरी की घटना
12 सितंबर को रामनगर किले की तरफ बलुआघाट का निर्माण में बन रहे चेंजिंग रूम की छत अचानक भरभराकर गिर गई थी जिसमें दबकर वहां बैठे मजदूर की मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति मजदूर मेवालाल (57) निवासी अलीनगर, चंदौली के रूप में हुई थी।
सीएम योगी वाराणसी आए तो घटना पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। डीएम ने सीएम को बताया कि एडीएम सिटी की टीम को जांच सौंपी गई है और रिपोर्ट अब आ गई है। यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक संतोष सिंह ने अवर अभियंता रेनू जायसवाल और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप कुमार को सस्पेंड करते हुए महाप्रबंधक जोन-1 प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध कर दिया था।
जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम ने जांच रिपोर्ट को पढ़ा तो कई अधिकारी लापरवाह नजर आए। पर्यटन विकास के काम क्षतिग्रस्त स्ट्रक्चर मामले में दोषी ठेकेदार, फर्म एवं अभियंता प्रथम दृष्टया दोषी मिले, जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा।
जांच रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट रहा है कि कार्य स्थल पर निर्मित छतरी अकुशल कारीगरी के कारण स्टेबल नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छत में प्रयुक्त पत्थरों को जोड़ने में प्रयुक्त एडेसिव/फिलर मटेरियल लगाने का कार्य (वर्कमैनशिप) सन्तोषजनक नहीं पाया गया। पत्थरों को जोड़ने हेतु पत्थरों मे गूव उपयुक्त नही मिला और पत्थरों को जोड़ने हेतु क्रैंप का प्रयोग भी नहीं पाया गया।
घाट के अन्य गुंबद भी सुरक्षित नहीं: डीएम
जांच के दौरान कार्य स्थल पर निर्मित अवशेष स्ट्रक्चर में कमियां भी सामने आई। स्पष्ट हुआ कि सम्बन्धित ठेकेदार और फर्म कार्य में खराब सामग्री का प्रयोग किया गया है, एवं सम्बन्धित अधिकारी ने सही से पर्यवेक्षण नहीं किया।
जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने जांच कमेटी की रिपोर्ट से सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए संस्तुति प्रमुख सचिव, सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर की है। इसमें बताया कि कार्य स्थल पर इसी प्रकार दो और ऑक्टागोनल छतरी निर्मित है, जिनकी स्टेबिलिटी संशयपूर्ण है जो कि समान प्रतिरूप के है। जिनका उपयोग जनमानस के लिए सुरक्षित नहीं है।
एडीएम को नहीं दी कार्ययोजना की ड्राइंग
अपर जिलाधिकारी (नगर) की कमेटी ने अधिशासी अभियन्ता PWD, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई, सहायक अभियन्ता, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के अलावा कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबन्धक एवं उपनिदेशक पर्यटन से भी संवाद किया।
कार्य स्थल पर उपस्थित कार्य से सम्बन्धित छतरी के तकनीकी संस्थान से स्वीकृत ड्राइंग एवं डिजाइन की भाग कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से की गई लेकिन कोई स्वीकृत ड्राइंग एवं डिजाइन जांच कमेटी को उपलब्ध नहीं कराई गई।
10 करोड़ से विकास कार्य जारी
बता दें कि रामनगर थाना क्षेत्र में किला के समीप बलुआ घाट का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री घाट किया गया है। विकास परियोजनाओं पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की ओर से शास्त्री घाट का निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
इस घाट की लंबाई 130 मीटर और चौड़ाई 70 मीटर है। इसके तहत यहां कई कार्य हो रहे हैं। इनमें प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, बायो टॉयलेट, सीसी रोड, बारादारी निर्माण आदि शामिल हैं। सितंबर 2023 में विधायक ने पर्यटन मंत्री से शिकायत की थी।