उत्तर प्रदेश

The accused in the famous Aligarh double murder case is acquitted | अलीगढ़ के चर्चित डबल मर्डर में आरोपी दोषमुक्त: 2017 में रक्षाबंधन के दिन हुई थी सगे भाइयों की हत्या, दो संप्रदायों के कारण फैल गया था तनाव – Aligarh News

कोर्ट ने डबल मर्डर के आरोपी सुरेश कचौरी वाला को निर्दोष मानते हुए दोष मुक्त कर दिया है।

अलीगढ़ में 2017 में रक्षाबंधन के दिन हुए सगे भाइयों के चर्चित डबल मर्डर के मामले का मंगलवार को फैसला आ गया। न्यायालय ने सगे भाइयों की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए सभी गवाह और साक्ष्यों को सुना और देखा। जिसके बाद उन्होंने आरोपी को निर्दोष मानते ह

.

इस मामले में जिन गवाहों को वादी पक्ष की ओर से पेश किया गया था, वह भी न्यायाल में पलट गए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि घटना के दिन उन्होंने आरोपी को मौके पर नहीं देखा था। वहीं जो साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए, वह भी सजा देने के लिए काफी नहीं थे। ऐसे में संदेह का लाभ देते हुए प्रतिवादी को दोषमुक्त किया गया है।

रक्षाबंधन के दिन हुआ था हत्याकांड

एडवोकेट दीपक पाठक ने बताया कि अलीगढ़ में 7 अगस्त 2017 को सराय बैरागी में दो सगे भाई वसीम उर्फ भीम व आशू की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद मृतक के चाचा ने गांधीपार्क थाने में मुकदमा दर्ज कराया था और उनके मुवक्किल को नामजद किया था।

मृतकों के चाचा बब्बू रफीक ने तहरीर देकर पुलिस को बताया था कि आपसी रंजिश के कारण सुरेश ठाकुर उर्फ सुरेश कचौड़ी वाला ने उनके भतीजों की हत्या की है। आरोपी ने सुबह 10:30 बजे उनके घर आकर दोनों भतीजों को उठाया और बाहर ले जाकर गाली गलौज शुरू कर दी। इसके बाद लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार दी। जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

अलीगढ़ का माहौल हो गया था खराब

मामला दो समुदायों से जुड़ा हुआ था। घटना के एक दो दिन बाद ही जुमे की नमाज अदा हुई थी और नमाज के बाद हंगामा शुरू हो गया था। नमाजी पुलिस से भिड़ गए थे और शहर का माहौल बिगड़ने की नौबत आ गई थी।

पुलिस ने उस समय जैसे-तैसे करके लोगों को संभाला था और इसमें कई लोग जेल भी गए थे। हत्याकांड के बाद कई दिन तक इलाकों में फोर्स तैनात रही थी। शहर के मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू जैसा माहौल हो गया था। जिससे यह मामला और चर्चित हो गया था।

मुकदमा दर्ज कराने वाले ने भी बदला बयान

एडीजे-17 रवीश कुमार अत्री की कोर्ट में इस मामले का ट्रायल चला। न्यायालय के सामने मुकदमा दर्ज कराने वाले चाचा से लेकर मृतक की मां और एक अन्य गवाह भी पलट गए। उन्होंने बयान दिया कि उनमें से किसी ने भी सुरेश कचौड़ी वाला को घटना के दिन वहां नहीं देखा था।

मुकदमा दर्ज कराने वाले चाचा ने कहा कि वह लिखना पढ़ना नहीं जानता है और उसने सिर्फ तहरीर पर साइन ही किए थे। जिसके बाद कोर्ट ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों की कमी को देखते हुए आरोपी को दोषमुक्त करते हुए बाइज्जत बरी कर दिया।

किसने की थी हत्या, बच गया सवाल

कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है। जिसके बाद यह सवाल खड़ हो गया है कि आखिर 7 साल पहले दो सगे भाइयों की हत्या किसने की थी। क्या अब उन दोनों के हत्यारों तक पुलिस पहुंच पाएगी और उन्हें न्याय मिल पाएगा। हालांकि दोनों अपराधी किस्म के थे और उनके ऊपर भी कई मुकदमें चल रहे थे। इसमें एक मुकदमा धारा 302 का भी था। इन्हीं सब तथ्यों को देखते हुए आरोपी को दोषमुक्त किया गया है।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button