In Badaun, the police officer challaned a beef smuggler under NDPS | बदायूं में कोतवाल ने गोमांस-तस्कर का एनडीपीएस में किया चालान: वीडियो सामने आने पर हुए लाइन हाजिर, फरवरी में की कारगुजारी अब सिस्टम की हुई फजीहत – Badaun News

जहां एक ओर सूबे के मुखिया गोवध पर रोकथाम का सीधा फरमान जारी कर चुके हैं। वहीं सीएम की योगी पुलिस गोमांस तस्करों को सरपरस्ती दे रही है। इसका वीडियो भी बदायूं में सामने आया है। इसमें सहसवान कोतवाली पुलिस ने गोमांस तस्कर के आरोपी को रंगेहाथ पकड़ने के बा
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पुलिस की इस करतूत का वीडियो छह महीने बाद सामने आया है। इस मामले में एसएचओ सहसवान सौरभ सिंह लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। वहीं विभागीय जांच भी शुरू कराई गई है। माना जा रहा है कि विभागीय जांच में थाने में तैनात कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई तय है। जबकि सौरभ सिंह पर भी आगे की विभागीय कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। वीडियो सहसवान कोतवाली इलाके का बताया जा रहा है। उस वक्त वहां कोतवाल के पद पर इंस्पेक्टर सौरभ सिंह तैनात थे। वीडियो में एक गोमांस तस्कर को सिपाही पकड़े हुए खड़ा है। पास में एक वध किया हुआ एक गोवंश पड़ा है। वध करने के उपकरण भी पड़े हैं। वीडियो में एक पुलिसकर्मी तस्कर का नाम-पता पूछ रहा है। तस्कर को पकड़ने वाला आरोपी व तस्कर गर्म कपड़े पहने हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सर्दियों के मौसम का वीडिया है।
ये बोला आरोपी वीडियो के मुताबिक पूछताछ में पकड़े गए तस्कर ने अपना नाम आशू निवासी काशीराम कालोनी बताया है। दो साथियों के नाम भी आरोपी ने मौके पर ही कबूले हैं। उसने यह भी कहा है कि पहली बार उसने गोवध किया है।
एनडीपीएस में किया चालान वीडियो 27 फरवरी की रात का बताया जा रहा है। क्योंकि इसके बाद ही पुलिस ने इस आशु का चालान एनडीपीएस में किया है। उस पर डोडा बरामद दिखाया गया। बताया जाता है कि तस्कर के साथी पुलिस के पहुंचने पर वहां से भाग गए लेकिन वो धर लिया गया। वहीं आरोपी को सरपरस्ती देते हुए पुलिस ने उस पर गोवध निवारण अधिनियम की धाराएं नहीं लगाईं।
रसूख के कारण महज लाइन हाजिर हुए दरअसल, यह भी बताया जाता है कि इंस्पेक्टर सौरभ सिंह सत्ताधारियों के काफी करीबी हैं। लोकसभा चुनाव में भी सपा वोटर्स पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगा था। मौजूदा सांसद आदित्य यादव को भी मौके पर पहुंचना पड़ा था और उनकी इस हरकत पर अफसरों की जमकर फजीहत हुई थी। इन्हीं हरकतों के चलते वो सत्ताधारियों के करीबी बने हैं और प्रभावी कार्रवाई से बच निकले।