उत्तर प्रदेश

Inter-state thief gang caught in Aligarh | अलीगढ़ में अंतर्राज्जीय चोर गैंग पकड़ा: 16 पुलिस कर्मियों की टीम ने किया ऑपरेशन, कई सालों से कर रहे थे चोरियां – Aligarh News

आरोपियों से पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय में पेश करके जेल भेजा जाएगा।

अलीगढ़ की सिविल लाइंस पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले एक अंतर राज्यीय गैंग का खुलासा किया है। आरोपियों के पास से पुलिस को चोरी के कई वाहन भी बरामद हुए हैं, जो आरोपियों ने कई जिलों से चोरी किए थे। इसके बाद आरोपी इसे बेंचने वाले थे।

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इससे पहले कि आरोपी चोरी के वाहनों का सौंदा करते, पुलिस ने इन्हें ट्रैक कर दिया और इन्हें चोरी के वाहनों के साथ दबोच लिया। आरोपियों के पास से पुलिस को अलीगढ़, मथुरा, दिल्ली और हरियाणा से चोरी किए हुए कई वाहन बरामद हुए हैं। जो आरोपियों ने अलग-अलग जगहों से चोरी किए थे। इसके साथ ही जिंदा कारतूस और तमंचा भी मिला है।

चोरी से पहले कई दिन करते थे रेकी

पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले किशन पुत्र देवेन्द्र निवासी सराय हकीम गली गुलेरिया थाना बन्नादेवी और पीयूष पुत्र दीपक निवासी सराय हकीम थाना बन्नादेवी जिला अलीगढ़ को गिरफ्तार किया है। इन्हें भमोला के निर्माणाधीन पुल के नीचे से गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वाहन चोरी करने से पहले वह कई दिन पीछे लगकर इसकी रेकी करते थे। फिर अपने मुफीद समय देखकर धीरे से वाहन को चोरी कर लेते थे। इसके बाद आरोपी कई दिन तक वाहन को छिपाकर रखते थे और फिर दूसरे जनपद में जाकर इसे बेंच देते थे। ग्राहक न मिलने पर गाड़ी को कटवाकर टुकड़ों में बेंचते थे।

आरोपियों पर दर्ज हैं एक दर्जन मुकदमें

पुलिस के अनुसार पकड़े गए दोनों आरोपी पेशेवर मुजरिम हैं और इनके खिलाफ थाना सासनीगेट, सिविल लाइंस, बन्नादेवी और क्वार्सी में एक दर्जन से ज्यादा नामजद मुकदमें दर्ज हैं और दोनों कई बार जेल भी जा चुके हैं। आरोपी पीयूष के खिलाफ कुल 12 नामजद मुकदमें हैं, वहीं आरोपी किशन के खिलाफ 2 नामजद मुकदमें हैं।

इनके पास से पुलिस को अलीगढ़ नंबर, मथुरा, दिल्ली और हरियाणा नंबर की 5 मोटर साइकिल बरामद हुई हैं। इसके साथ ही जिंदा कारतूस, तमंचा और वाहन चोरी करके बेंचने के बाद मिले 8200 रुपए भी बरामद हुए हैं। जो आरोपियों ने इससे पहले चोरी की हुर्इ बाइकों से हासिल किए थे।

एंटी व्हीकल थेफ्ट टीम की रही भूमिका

सिविल लाइंस थानाध्यक्ष दिनेश सिंह ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए थाने की स्पेशल टीम के साथ एंटी व्हीकल थेफ्ट टीम की भी अहम भूमिका रही। टीम लगातार कई दिनों से आरोपियों के पीछे लगी थी और लगातार पीछे लगने के बाद आरोपी दबोचे गए हैं। इसमें उनके साथ थाने के एसएसआई नरेंद्र कुमार, एसआई अरुण कुमार, प्रशिक्षु एसआई रजत खोखर, रोहित दांगी, बसंत तोमर शामिल रहे।

इसके साथ थाने के हेड कांस्टेबल रविकांत, कांस्टेबल पंकज कुमार, नरेंद्र मावी, शुभम निर्वाल, एंटी व्हीकल थेफ्ट टीम के प्रभारी एसआई इशांत सिंह, उनकी टीम के कांस्टेबल ललित कुमार, लेखराज सिंह, यजुवेंद्र सिंह, मनवीर सिंह और सनी चौधरी शामिल रहे।

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