The hassle of removing the bandage applied in case of injury is over | चोट में लगाई गई पट्टी को हटाने का झंझट खत्म: जैसे -जैले सूखेगा घाव, वैसे-वैसे पट्टी में गल जाएगी, UPTTI में बनाई जा रही है पट्टी – Kanpur News

डॉ. नीलू कंबो साथ में डॉ. सौरभ द्विवेदी।
शरीर में चोट लगने के बाद यदि कोई घाव हो जाता है तो वह अब जल्दी भरेगा। इसके अलावा उसमें बार-बार पट्टी करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, क्यों उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (UPTTI) के प्रोफेसरों ने एक ऐसी पट्टी तैयार करने जा रहे है जो मरीज
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मरीजों को नहीं होगा दर्द
यूपीटीटीआई के प्रोफेसरों नीलू कांबो ने बताया कि इसका हल ढूंढ निकाला है। उन्होंने बताया कि चोट लगने या मेडिकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने के लिए ऐसी पट्टी तैयार की है जो आम पट्टी के मुकाबले घाव को जल्दी भरेगी और कुछ दिनों में यह घुल भी जाएगी। खास बात है कि इस पट्टी को अंगूर के बीज से तैयार नैनो इमल्शन और नैचुरल पॉलिमर से मिलाकर तैयार किया गया है। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को बैक्टीरिया फ्री रखने के लिए नैनो इमल्शन का प्रयोग कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी किया जाएगा। इसका पेटेंट भी मिल चुका है।
2022 में शुरू किया था शोध
डॉ. नीलू कंबो ने बताया कि उन्होंने इस पर 2022 में शोध शुरू किया था। उनके साथ उनकी सहयोगी पुणे की डॉ. सौरभ द्विवेदी ने भी काफी काम किया है। अंगूर का इस्तेमाल अक्सर वाइन इंडस्ट्री में किया जाता है, लेकिन उसका बीज और छिलका बर्बाद होता है और पर्यावरण को प्रदूषित करता है। अंगूर के बीज में एंटी ऐजिंग, एंटी फंगल के गुण होते हैं।
अंगूर के बीज से निकले तेल का 10 फीसदी हिस्सा और देवदार के पेड़ का हाईड्रोसॉल (देवदार के पेड़ की लकड़ी से तेल निकाला जाता, उस दौरान वेस्ट पानी निकलता है, जिसमें तेल की कुछ अंश आते हैं ) मिलाकर इसका नैनो इमल्शन तैयार किया है। यह पूरी तरह से आर्गेनिक हैं, जबकि मार्केट में मिलने वाले प्रोडक्ट में केमिकल मिला होता है।
नैनो फाइबर बनाया जाएगा
डॉ. कंबो ने बताया कि कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के साथ इस पेटेंट को टेक्सटाइल इंडस्ट्री में लाने की तैयारी की जा रही है। अब इसमें पॉलिमर को जोड़कर नैनो फाइबर बनाया जाएगा। इन नैनोफाइबर को नैचुरल पॉलिमर के साथ मिलाकर पट्टी तैयार की जाएगी। यह चोट को जल्द ठीक करने के साथ पूरी तरह से घुलनशील होगी।