उत्तर प्रदेश

Varanasi MOU signed between BHU and IITBHU | BHU और IITBHU के बीच हुआ MOU: प्रयोगशाला और पुस्तकालय की सुविधाओं का होगा आदान-प्रदान,शोधकर्ता और छात्रों को अत्याधुनिक संसाधनों का मिलेगा लाभ – Varanasi News

BHU और IIT-BHU ने शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने और सहयोगात्मक अनुसंधान प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दोनों संस्थानों ने प्रयोगशाला और पुस्तकालय सुविधाओं के आदान-प्रदान और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए त

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बीएचयू कुलपति ने विश्वविद्यालय के पारस्परिक उन्नति के लिए बताया महत्वपूर्ण

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच एमओयू हस्ताक्षर को पारस्परिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस बात को महसूस किया जाता है कि शैक्षणिक संस्थानों को उत्कृष्टता हासिल करने के लिए मिल कर कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि अकेले काम करने से प्रगति में रुकावटें आती हैं, इसलिए शैक्षणिक संस्थानों को विकास के अवसरों का भरपूर लाभ उठाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाकर आगे बढ़ना चाहिए। अनुसंधान व नवोन्मेष पर अपने भाषण में कुलपति ने विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी तथा शिक्षा के उद्देश्य पर अपने विचार रखे।

बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के बीच हुए समझौते में शामिल कुलपति और डायरेक्टर।

आइए जानते हैं क्या है वो तीन समझौते

• एमओयू की जानकारी देते हुए कुलसचिव ने बताया कि प्रयोगशाला सुविधाओं और प्रमुख अनुसंधान उपकरणों के लिए समझौता ज्ञापन विश्वविद्यालय और संस्थान के संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं‌ और छात्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुंच देगा जो उनके मूल संस्थानों में उपलब्ध नहीं हैं। बीएचयू में विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, और कृषि विज्ञान में उन्नत प्रयोगशालाएँ हैं, जबकि आईआईटी बीएचयू में प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।

• इसके अलावा, दोनों संस्थानों ने अपने पुस्तकालय संसाधनों को साझा करने पर भी सहमति जताई है। इस समझौते से बीएचयू के संकाय और शोधकर्ताओं को आईआईटी बीएचयू के श्रीनिवास देशपांडे पुस्तकालय की प्रिंट और डिजिटल संसाधनों तक पहुँच मिलेगी। इसी तरह, आईआईटी बीएचयू के सदस्य बीएचयू के सयाजीराव गायकवाड़ पुस्तकालय की व्यापक संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे। यह सहयोग शिक्षण, सीखने और शोध को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसमें नए पुस्तकालय प्रौद्योगिकी में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के प्रावधान भी शामिल हैं।

• तीसरे एमओयू के तहत, दोनों संस्थानों ने आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। एमओयू का उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों से धन प्राप्त करने के लिए संयुक्त परियोजना प्रस्तावों को बढ़ावा देना है। यह संकाय सदस्यों को भागीदार संस्थान में पीएचडी छात्रों के सह-मार्गदर्शक के रूप में कार्य करने की भी सुविधा देता है। इसके अलावा, यह एमओयू पीएचडी छात्रों के लिए नई शोध संभावनाएं खोलता है, जिससे उन्हें भागीदार संस्थान में अल्पकालिक शोध (6 महीने तक) करने का अवसर मिलता है। सहयोग के क्षेत्र विज्ञान, इंजीनियरिंग, कला, चिकित्सा, कृषि, मानविकी, और अंतःविषय क्षेत्रों सहित सभी शाखाओं को शामिल करते हैं।

अध्यापक और छात्र रहे मौजूद।

अध्यापक और छात्र रहे मौजूद।

समझौता ज्ञापन के समय यह लोग रहे मौजूद

समझौता ज्ञापन पर बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह और आईआईटी (बीएचयू) के कुलसचिव राजन श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन, आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा समेत बड़ी संख्या में दोनों संस्थानों के विद्यार्थी, संकाय सदस्य, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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