Death running into a street light pole in the city | लखनऊ की स्ट्रीट लाइट पोल में दौड़ रही मौत: LDA कार्यालय से 1090 और कमता इलाके में मिली कमियां, तार खुला है, 3 दिन में गई 2 की जान – Lucknow News

शिकायत के बाद भी जब विभाग में सुनवाई नहीं हुई तो स्थानीय लोगों ने कुछ यह रास्ता निकाला।
लखनऊ में स्ट्रीट लाइट से करंट लगने के कारण पिछले तीन दिन में दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें एक 15 साल का बालक और दूसरा 37 साल का नौजवान शामिल था। इसमें एक सितंबर रविवार को सुबह पार्क में टहलने गए अभिषेक पोल के संपर्क में आया मौके पर ही उसकी मौत हो
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पहली घटना के बाद नगर निगम ने संबंधित फर्म के खिलाफ नोटिस जारी किया और 10 लाख जुर्माना लगाया। जबकि दूसरे मामले में यह बता दिया गया कि अर्जुन चोरी का बिजली इस्तेमाल कर रहा था। कटिया लगाया था उसी दौरान वह खुद खुले तार के संपर्क में आ गया। हालांकि इन सबके बीच कोई भी बड़ा अधिकारी अभी तक जिम्मेदार तय नहीं हुआ। शहर में लगे स्ट्रीट लाइट पोल की हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने अलग – अलग क्षेत्र का मुआयना किया। इसमें ज्यादातर जगहों पर कमियां पाई है। पेश उसकी रिपोर्ट
पहले जानते हैं शहर के चार इलाकों का हाल
एलडीए कार्यालय के बाहर तार खुला मिला
लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्यालय और रिवर साइड मॉल के बाहर सड़क के बीच में स्ट्रीट लाइट पोल लगे है। मौके पर टीम ने करीब 10 पोल का निरीक्षण किया। इसमें दो पोल ऐसे मिले जिसमें खुले तार साफ नजर आ रहे है। उसके अलावा बाकी पोल में टेप तो लगा है कि लेकिन वह काफी पुराने हो गए हैं तो धीरे – धीरे हटने लगे है। बड़ी बात यह है कि पोल के चारों तरफ लंबी घास हो गई है। ऐसे में खुला तार दिखाई नहीं देता है। अगर गलती से वह पोल के संपर्क में आ गया तो उसमें करंट उतरना तय है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। घास की कटाई और छटाई माली लोहे के औजार से करता है। ऐसे में अगर वह लोहा उसके संपर्क में आया तो भी करंट लगना तय है।
एलडीए कार्यालय के बाहर लगे स्ट्रीट लाइट के तार कुछ ऐसे खुले मिले। यहां घास में यह छिप भी गए है।
1090 चौराहे पर भी वहीं हाल
शहर के सबसे वीआईपी चौराहा और उससे सटा बालू अड्डे के इलाके में भी तार खुले मिले। बड़ी बात यह है कि दो दिन गुजरने के बाद भी इन जगहों पर अभी तार खुले ही पड़े है। सदन में कांग्रेस नेता मुकेश सिंह चौहान ने कहा भी यह हत्या है। इसके लिए केवल कार्यदायी संस्था पर नहीं बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। 1090 चौराहे के पास जहां यह तार खुला है वहां अक्सर ट्रैफिक पुलिस के जवान खड़े रहते है। ऐसे में अगर करंट पोल में उतरता है तो ट्रैफिक पुलिस के लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है।

1090 के पास आप देख सकते हैं कि कैसे तार खुले पड़े है।
कमता के पास भी खुला तार है
कमता इलाके में ज्ञान विहार कॉलोनी के पोल पर भी ऐसे ही खुले तार पड़े है। दो दिन से हुई घटना के बाद हर व्यक्ति में डर है। स्थानीय निवासी मुकेश पाठक का कहना है कि बारिश के दिनों में करंट का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। दो मौत के बाद भी अगर अधिकारी नहीं जगते है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। पूर्व पार्षद आरपी सिंह का कहना है कि स्ट्रीट लाइट से इंसान के साथ – साथ आए दिन जानवर भी मरते है। बड़ी बात यह है कि अधिकारी मौत के बाद भी जागने को तैयार नहीं है।

कमता इलाके में ज्ञान विहार कॉलोनी में भी पोल पर कुछ यह नजारा है। यह मौत को दावत देने जैसा है।
विभाग आगे नहीं आया तो बोतल काट बनाया शेफ्टी
नगर निगम जब शिकायत के बाद भी आगे नहीं आ रहा तो लोग जुगाड़ कर खुद को सुरक्षित रख रहे है। इस्माईलगंज सेकेंड के पंचवटी कॉलोनी में लोगों ने ऐसे ही प्लास्टिक के बड़े बोतल को काट उससे खुले तार को घेर दिया है। जिससे कि वह लोहे के पोल के संपर्क में न आए। दरअसल, खुले तार वाले पोल में अगर टेप भी लगाना है तो उसके लिए शट डाउन लेना पड़ेगा। लेसा नगर निगम को ही शट डाउन देता है। ऐसे में कई जगह लोग चाहते हुए भी काम नहीं करा पा रहे है। यहां भी समाजसेवी सुरेंद्र वर्मा ने अपने गली में कुछ इस तरह का बचाव का जुगाड़ किया है

इस्माईलगंज सेकेंड वार्ड में करंट से बचने के लिए स्थानीय लोगों ने यह जुगाड़ किया।
बारिश की वजह से झाड़ियों में छिप गए खुले तार
सबसे बड़ी परेशानी यह है कि पार्क से लेकर कई जगहों पर बारिश के मौसम में बढ़ी हुई झाड़ियां है। झाड़ियों की वजह से तार छिप गए है। यह ठीक से दिखाई भी नहीं देते है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति पास भी जाता है तो उसको खुले हुए तार नजर नहीं आते है।
सदन में बीजेपी के ही पार्षद धरने पर बैठे
शहर में ईईएसएल कंपनी ने स्ट्रीट लाइट बड़े पैमान पर लगाया था। ऐसे में उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी संबंधित कंपनी के पास है। अब वह कंपनी इन लाइटों का मरम्मत का काम भी ठीक से नहीं कर रही है। यही वजह से कि सदन में कंपनी के जिम्मेदारों को बुलाने के लिए बीजेपी के पार्षद धरने पर बैठ गए। हालांकि उसके बाद भी कंपनी की तरफ से कोई नहीं आया। जबकि ईईएसएल हर साल 42 करोड़ रुपए ले रही है।
छह साल में 30 नोटिस लेकिन सुधार नहीं हुआ
स्ट्रीट लाइटों के बेहतर रखरखाव के लिए नगर निगम ईईएसएल कंपनी को हर साल करीब 42 करोड़ रुपये देता है। बावजूद इसके शहर में करीब 4000 पोलों पर आटोमैटिक पैनल स्विच नहीं हैं। तार खुले पड़े हैं। 9000 पोलों पर यह व्यवस्था नहीं थी। इसको सही करने का काम शुरू हुआ लेकिन अभी भी 5 हजार पोल पर ही आटोमैटिक पैनल स्विच लग पाया है। कंपनी ने जरूरत के आधे स्विच भी नहीं लगाए हैं। जब कंपनी को स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम लिया था, तब तय हुआ था कि स्ट्रीट लाइटों के ऑन-ऑफ के लिए ऑटोमेटिक पैनल स्विच लगाए जाएंगे। टाइमिंग सेट की जाएगी और उसी के आधार पर लाइटें जलेंगी।

37 साल के अर्जुन जयसावल की मौत भी एक दो दिन पहले हुई। अब विभाग बता रहा है कि यह कटिया से बिजली चोरी कर रहे थे।
दो मौत और भी हुई है
- 10 अगस्त 2023 को कानपुर रोड पर स्ट्रीट लाइट पोल में करंट आने से कोचिंग से घर जा रही ही छात्रा को मौत।
- 2024 में राजाजीपुरम में कोठारी बंधु पार्क के पास स्ट्रीट लाइट पोल में करंट से शख्स की मौत ।
सभी पोल पर सुरक्षा ऑडिट होगा
इस मामले में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि शहर में नगर निगम के करीब 3 लाख से ज्यादा स्ट्रीट लाइट पोल और हाई मास्क है। उन सभी का जोन के हिसाब से सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा। 21 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। कमियां मिलने पर तत्काल उनको दूर किया जाएग। पहली घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को हटा दिया गया है। कार्यदायी संस्था पर 10 लाख का जुर्माना किया गया है जो मृतक के परिवार वालों को मिलेगा।