Beggars in Amethi are being given pens | अमेठी में भिखारियों के हाथों में पकड़ाया जा रहा पेन: सैनिक छात्र सेवा परिषद की पहल लाई रंग, बच्चों को मिलेगा बेहतर भविष्य – Amethi District News

अमेठी में राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद के संस्थापक अंकित शुक्ला ने प्रदेश भर में एक अनोखी मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम के तहत, भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा की ओर लाने का प्रयास किया जा रहा है। सड़कों पर भीख मांगते नन्हे हाथ अब पेंसिल, कॉपी
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शिक्षा के साथ नशे से मुक्ति की दिशा
अंकित शुक्ला ने जिले के युवा होने के नाते भीख मांगने वाले बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाई है। रेलवे-स्टेशन की व्यस्त सड़कों पर भीख मांगते बच्चों को अब पेंसिल और कॉपी के साथ साक्षर बनाया जा रहा है। अंकित शुक्ला का मानना है कि इन बच्चों का भविष्य उजाले से भरा हो सकता है। उनकी संस्था ने शिक्षा के साथ-साथ नशे की लत से भी बच्चों को बचाने का संकल्प लिया है।

संस्था का विकास और सरकारी सराहना
राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद की स्थापना 2023 में की गई थी। अब यह संस्था देशभर में 12 केंद्रों तक फैल चुकी है। संस्था का मुख्य उद्देश्य बच्चों को भीख मांगने से रोकना और उन्हें स्कूल तक पहुंचाना है। संस्था के अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में उनकी संस्था की सराहना की है, जिससे समाज में उनकी पहल को पहचान मिली है।

नशे के खिलाफ लड़ाई और विस्तार की योजना
संस्था उन बच्चों को नशे की लत से बाहर निकालने के लिए चिकित्सा सुविधा और काउंसलिंग प्रदान करती है। संस्था के सदस्य बिहार, यूपी और हरियाणा में भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव भावनी प्रसाद शुक्ला के अनुसार, संस्था के 50 हजार से अधिक सदस्य सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर संस्था का संदेश फैला रहे हैं।

भिखारियों की संख्या और समाज पर प्रभाव
आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 81 हजार भिखारी हैं, जबकि पूरे देश में यह संख्या 4,13,000 के करीब है। अंकित शुक्ला का कहना है कि भिखारियों के आत्मविश्वास को बढ़ाकर और उन्हें मुख्य धारा में जोड़कर इस बुरी आदत को समाप्त किया जा सकता है।

अमेठी में इस संस्था के द्वारा गौरीगंज, मुसाफिरखाना, तिलोई और रामनगर में केंद्र चलाए जा रहे हैं। इस अभियान से हजारों बच्चों और उनके अभिवावकों में सकारात्मक बदलाव आ रहा है और समाज में इसकी सराहना हो रही है।