उत्तर प्रदेश

UP Jhansi Boyfriend did not come to marry, neighbors were implicated in gang rape | बॉयफ्रेंड शादी करने नहीं आया, पड़ोसियों को गैंगरेप में फंसाया: झांसी में चलती कार में गैंगरेप का केस झूठा निकला, हिरासत में पीड़िता समेत 3 परिजन – Jhansi News

झांसी में घटना के समय किला पर घूमती पीड़िता।

झांसी में चलती कार में 17 साल की लड़की से गैंगरेप का मामला झूठा निकला। दरअसल, लड़की अपने बॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी। वो ड्रामा करके नंगे पैर घर से भागकर शहर आ गई। बॉयफ्रेंड के इंतजार में शहर में घूमती रही। सिंदूर, बिछिया और पायल खरीदी।

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खुद ही अपनी मांग में सिंदूर भर लिया। मगर बॉयफ्रेंड नहीं आया। लगभग 4 घंटे बाद लड़की घर की बजाय बुआ के घर पहुंच गई और उसने सच्चाई बता दी। मगर बुआ और उसके बेटे ने लड़की के पड़ोसियों को फंसाकर उनसे पैसे ऐंठने के लिए गैंगरेप की मनगढ़ंत कहानी रची।

लगभग 12 घंटे तक पूरी साजिश रचने के बाद पुलिस को गैंगरेप की सूचना दी और केस दर्ज करा दिया। मगर सीसीटीवी कैमरों ने इस फर्जी गैंगरेप का पर्दाफाश कर दिया। गुरुवार रात एसएसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि लड़की, उसकी बुआ और बुआ के बेटे को हिरासत में लिया है। तीनों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में कार्रवाई की जा रही है।

आइए पढ़ते हैं…गैंगरेप के फर्जी केस की फिल्मी कहानी

एसएसपी राजेश एस. ने गुरुवार रात को प्रेसवार्ता कर गैंगरेप के झूठे केस का पर्दाफाश किया।

गैंगरेप की ये फर्जी कहानी बताई थी

हंसारी के मनीष परिहार ने बुधवार को बताया था कि 20 अगस्त की सुबह मेरे मामा की बेटी (17) अपने घर से किसी काम से गई थी। जब वह घर नहीं लौटी तो मामा ढूंढ़ने गए। खेत में उसकी चप्पल और लोटा मिला। मगर वो नहीं मिली। लगभग 10:30 बजे ममेरी बहन मेरे घर आई। पहले उसने कुछ नहीं बताया। बाद में मां को बताया कि पड़ोसी सोनू, मनीष व एक अन्य व्यक्ति जबरदस्ती उसे कार में डालकर ले गए। उसके साथ गैंगरेप किया। मनीष की तहरीर पर प्रेमनगर थाना में केस दर्ज हुआ।

घटना के समय क्रिकेट खेल रहा था एक आरोपी

केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने बुधवार को सोनू को पकड़ा। फिर देर रात मनीष को हिरासत में लिया था। दोनों ने कहा कि उन्होंने किसी के साथ गैंगरेप नहीं किया। मनीष बोला कि वह घटना के दिन सुबह से क्रिकेट खेल रहा था। दोस्तों ने भी उसके क्रिकेट खेलने की बात कही। यहीं से पुलिस को शक शुरू हुआ। तब एसएसपी राजेश एस. ने प्रेमनगर थाना प्रभारी के अलावा रक्सा एसओ, बड़ागांव एसओ और स्वाट टीम को लगाया।

घटना के समय इलाइट चौराहा के पास पैदल जाती पीड़िता।

घटना के समय इलाइट चौराहा के पास पैदल जाती पीड़िता।

80 पुलिसकर्मियों ने 50 सीसीटीवी कैमरे खंगाले और कड़ी से कड़ी जोड़ी तो पूरा केस झूठा मिला। पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि उसे कार में जबरदस्ती डालकर ले गए। मगर उस समय सीसीटीवी कैमरे में कोई कार नजर नहीं आई। जबकि पीड़िता ऑटो से शहर पहुंची। किला व शहर में घूमने के बाद वह बुआ के घर पहुंची। इसके सारे साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने गुरुवार इस झूठे केस का पर्दाफाश कर दिया।

सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखकर नरम पड़े तेवर

एसएसपी राजेश एस. ने बताया कि पीड़िता के बयान में विरोधाभास था, लेकिन वह गैंगरेप के कथन पर कायम थी। पहले पुलिस को बयान में गैंगरेप होने की जानकारी दी। फिर कोर्ट में बयान दिए। मगर, तब तक पुलिस सीसीटीवी और तमाम साक्ष्य जुटा चुकी थी कि गैंगरेप का केस झूठा है।

इसके बाद गुरुवार शाम को पीड़िता से पूछताछ की गई। तब भी वह हर सवाल का बेबाकी से जबाव दे रही थी और कह रही थी कि गैंगरेप हुआ है। मगर, सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए तो वह टूट गई और पूरी सच्चाई बता दी।

घटना के समय शहर में पैदल जाते पीड़िता।

घटना के समय शहर में पैदल जाते पीड़िता।

दोनों को फंसाकर रुपए ऐंठना चाहती थी

एसएसपी ने बताया कि पीड़िता एक युवक से बातचीत करती थी। वह उस युवक से शादी करना चाहती थी। इसलिए वह 20 अगस्त को घर से निकली थी। एक दुकान पर जाकर उसे कॉल लगाया। इसके बाद किला पर जाकर उस युवक का इंतजार किया, मगर वो नहीं आया। तब वह घर न जाकर बुआ के घर पहुंची। वहां घर से जाने और गायब रहने का कारण नहीं बताया।

मगर परिजन बार-बार दबाव बना रहे थे। इसलिए उसने सबकुछ बता दिया। तब बुआ फूलवती और उसके बेटे मनीष परिहार ने उसे समझाया कि यह तुम्हारे पड़ोसी सोनू भार्गव और मनीष पांडेय से पैसे वसूलने का सही अवसर है। तब दोनों के खिलाफ गैंगरेप का केस लिखाने की साजिश रची गई और तीनों ने मिलकर केस दर्ज करवाया था। लेकिन जांच में पीड़िता द्वारा बताई गई कहानी पूरी झूठी पाई गई। पीड़िता, उसकी बुआ फूलवती और उसके बेटे मनीष परिहार को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

इन 4 सबूतों ने गैंगरेप में निर्दोषों को जेल जाने से बचाया

  • पीड़िता ने बयान दिए कि आरोपी सुबह 6 बजे उसे जबरदस्ती सफेद कार में डालकर ले गए। घटनास्थल के पास ग्राम प्रधान प्रभुदयाल अहिरवार के घर में सीसीटीवी कैमरे लगे थे। पुलिस को सुबह 5:30 से 11 बजे तक कोई सफेद कार नहीं दिखी।
  • पीड़िता सुबह 7 बजे घर के पास पेट्रोल पंप से खैलार के अब्दुल जफ्फार की ऑटो में बैठकर 7:20 बजे जेल चौराहा पहुंची। 7:21 पर दुबे भोजनालय के कर्मचारी बलवीर सिंह पाल से मोबाइल लेकर घर पर बात करने के लिए अपने पड़ाेसी दिलीप पटेरिया को फोन लगाने की कोशिश की। मगर फोन नहीं लगा। इसके सीसीटीवी मिले। अब्दुल जफ्फार और बलवीर ने गवाही दी।
  • जेल चौराहा से पैदल चलकर इलाइट चौराहा, जीवनशाह, किला होते हुए मिनर्वा चौराहा पहुंचा। यहां 8:22 बजे तक घूमती रही। इसके सीसीटीवी मिले। यहां से छोटी काली माता मंदिर के पास खुशीपुरा में मयंक ठाकुर की दुकान पर पहुंची। दुकान से बिछिया व पायल खरीदी। मयंक के फोन से बॉयफ्रेंड को कॉल किया। कहा कि मिलने के लिए किला पर आ जाओ, वहां इंतजार कर रही हूं। इसकी पुष्टि बॉयफ्रेंड और मयंक के बयान से हुई।
  • दुकान से पीड़िता पैदल मिनर्वा चौराहा होते हुए किला के मुख्य गेट पर पहुंची। 9:15 बजे से 9:41 बजे तक एक बेंच पर बैठकर बॉयफ्रेंड का इंतजार करती रही। मगर वो नहीं आया। तब वह मिनर्वा चौराहा से ऑटो में बैठकर जेल चौराहा पहुंची। यहां से 10:13 बजे फूलसिंह की ऑटो में बैठकर हंसारी में अपनी बुआ के घर पहुंची। इसकी पुष्टी सीसीटीवी और फूलसिंह के बयान से हुई।

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