Waqf board is not the ideology of the country | कथावाचक देवकी नंदन बोले- वक्फ बोर्ड देश की विचारधारा नहीं: भविष्य में आने वाले संकट को जो नहीं समझते, उन्हें समझदार नहीं कहा जा सकता – Kanpur News

कानपुर के मोतीझील में कथा सुनाते पंडित देवकी नंदन महाराज।
‘जब तक सनातन बोर्ड नहीं बनेगा, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगें। ये देश मेरा है, इस देश में पहला अधिकार मेरा है… देश में कोई भी बाहरी विचारधारा नहीं चलेगी। वक्फ बोर्ड देश की विचारधारा नहीं, बाहरी विचारधारा है। हमारी विचारधारा सनातन बोर्ड है, हमे सनातन बोर
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कथावाचक पंडित देवकी नंदन महाराज ने सनातन बोर्ड की मांग की है।
सब कुछ देखने के बाद भी अगर हम चुप हैं तो मूर्ख हैं
मोतीझील में मंगलवार को श्रीमद भागवत कथा का तीसरा दिन था। देवकी नंदन महाराज ने कहा- ‘अगर हम आराम से बैठ गए तो हमारे बच्चों को बैठने का मौका नहीं मिलेगा, कोई बैठने ही नहीं देगा। सब कुछ देखने के बाद भी अगर हम चुप हैं तो हम मूर्ख हैं। भविष्य में आने वाले संकट को जो नहीं समझते उन्हें समझदार नहीं कहा जा सकता। हमारे ऋषियों ने कहा है कि जब हमें पता हो इस वृक्ष में विषयुक्त फल लगेंगे तो समझदार लोग उस वृक्ष को बढ़ने नहीं देते, उसे पहले की काट देते है। अब तुम तय करो कि तुम्हे विषयुक्त वृक्ष काटना है या समय आने पर अपने बच्चों को कटने देना है। हम सबको अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक साथ खड़े होना पड़ेगा।’

पंडाल में श्रीमद भागवत कथा के दौरान आरती करते श्रद्धालु।
धर्म का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण काम
देवकी नंदन ने कहा – ‘धर्मात्मा वो नहीं जो अपने आप किए चले जाते है, धर्मात्मा वो भी होते हैं जो अपने धर्माचार्यों के बताए मार्ग पर चलते हैं। आपके धर्माचार्य आपकों बचाना चाहते हैं मिटाना नहीं चाहते। मानव जीवन में सबसे महत्वपूर्ण काम धर्म का पालन करना है।
खास अवसर, जैसे बच्चों की बारात या अन्य समारोहों में शराब का सेवन और नशे के अन्य प्रकारों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यह संस्कारी और जिम्मेदार समाज के खिलाफ है। ऐसे अवसरों पर लोगों को अच्छे आचार-व्यवहार, श्रद्धा और पवित्रता के साथ आमंत्रित करना चाहिए, जिससे परिवार और समाज में एक अच्छा संदेश जाए।

पंडित देवकी नंदन महाराज ने कहा-धर्माचार्य आपकों बचाना चाहते हैं मिटाना नहीं चाहते।
दूसरों की मदद करना सबसे बड़ा धर्म
मानव जीवन का सबसे बड़ा धर्म है दूसरों की मदद करना और उनकी भलाई के लिए काम करना। हर व्यक्ति को अपने आस-पास के लोगों की मदद करने की भावना को विकसित करना चाहिए। मानव को जीवन के हर कदम पर हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। वे हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं, जिनसे हमें जीवन की महत्वपूर्ण बातें सीखने को मिलती हैं।