A wonderful presentation of thoughts and culture; Learn the way of life from the Mahabharata | लखनऊ कोशला साहित्य उत्सव: विचारों और संस्कृति की शानदार प्रस्तुति; महाभारत से सीखें जीवन जीने की राह – Lucknow News

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित कोशला साहित्य उत्सव का दूसरा दिन ज्ञान और संस्कृति से भरपूर रहा। इस दिन विभिन्न सत्रों ने दर्शकों को गहरे विचारों, इतिहास और भावनाओं से परिचित कराया।
.
उत्सव की शुरुआत सौरव झा और संजीव सांयल के ‘नेविगेटिंग द फ्यूचर’ सत्र से हुई। इस सत्र में उन्होंने भू-राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों पर चर्चा की। खासकर भारत की वैश्विक भूमिका और आर्थिक राष्ट्रवाद पर गहरी बातें हुईं।
विभाजन के बाद की दर्दनाक यादें की कहानी ‘भक्ति सनातन का आधार’ सत्र में अपरिमेय श्याम दास और राज स्मृति ने भक्ति के आध्यात्मिक पक्ष और सनातन धर्म के महत्व पर चर्चा की। ‘इकोज़ फ्रॉम द अनपार्टिशन्ड टाइम्स’ सत्र में मालविका राजकोटिया और आंचल मल्होत्रा ने भारत के विभाजन के समय की दर्दनाक यादों को साझा किया। इस सत्र ने दर्शकों को विभाजन के स्थायी प्रभावों पर सोचने पर मजबूर किया।
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित कोशला साहित्य उत्सव।
महाभारत से सीखें जीवन के पाठ हर्षिता गुप्ता के ‘अनलाव्ड: द आर्ट ऑफ मूविंग ऑन’ सत्र में दिल टूटने के बाद जीवन को फिर से संजोने की कला पर बात की गई। गुप्ता ने दर्शकों को अपने दर्द से उबरने और आगे बढ़ने के तरीके बताए। पुरुषोत्तम अग्रवाल और अनुभव त्यागी ने महाभारत पर चर्चा की। इस सत्र में नैतिकता, कर्तव्य और जीवन के संघर्षों के बारे में गहराई से विचार किया गया।नुसरत जाफ़री और आंचल मल्होत्रा ने ‘दिस लैंड वी कॉल होम’ सत्र में भारतीय समाज और भंतु समुदाय के इतिहास को साझा किया।
भारत की भाषाई विविधता भाषाओं की झलक ’चार कोस पे बदले वाणी’ सत्र में भारत की क्षेत्रीय भाषाओं, जैसे भोजपुरी और अवधी, की सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा हुई। इसके बाद ‘इश्क़ में लखनऊ होना’ सत्र में लखनऊ की अद्भुत संस्कृति, स्वादिष्ट भोजन और सभ्यता की झलक देखने को मिली।