Woman gave birth to a child in the toilet | महिला ने बच्चे को शौचालय में दिया जन्म: जौनपुर में डॉक्टर ने डांटकर भगाया, उसी अस्पताल में सफाई कर्मी है पति – Jaunpur News

महिला ने टॉयलेट में बच्चे को जन्म दिया।
प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के तमाम दावों के बीच जौनपुर के अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला महिला चिकित्सालय में लापरवाही की घटना सामने आई है। बीती रात एक महिला ने चिकित्सकों की अनदेखी के चलते अस्पताल के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया।
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महिला का आरोप है कि प्रसव पीड़ा से तड़पती हुई अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने इलाज करने के बजाय डांटकर भगा दिया। वहीं, नवजात के जन्म के बाद भी चार घंटे तक उसकी गर्दन में नाल फंसी रही, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। मीडिया कर्मियों की सक्रियता से महिला की जान बचाई जा सकी।
पीड़िता के पति अस्पताल में सफाई कर्मचारी है। उसने बताया कि वह अपनी पत्नी गुड़िया को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल लेकर गए। वहां डॉक्टर आर.के. गुप्ता ने पहले ब्लड लाने की मांग की और फिर इलाज करने से इनकार कर दिया। इलाज के अभाव में महिला को मजबूरन शौचालय जाना पड़ा, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। चार घंटे तक नवजात की गर्दन में नाल फंसी रही, लेकिन अस्पताल का स्टाफ पूरी तरह से लापरवाह बना रहा।
महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया।
स्टाफ पर आरोप मामला जब मीडिया की सुर्खियों में आया तो अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। महिला और नवजात को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ आए दिन प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करता है। डॉक्टर और स्टाफ नर्स मरीजों को निजी नर्सिंग होम या बीएचयू रेफर करने की सलाह देते हैं। पीड़िता के पति का कहना है, “मेरी पत्नी शौचालय में तड़पती रही, लेकिन डॉक्टर और नर्स चैन से सोते रहे।
स्टाफ का बचाव करते दिखे सीएमएस मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) महेंद्र कुमार गुप्ता ने इस मामले में अपने स्टाफ का बचाव करते हुए कहा कि महिला पहले से अस्पताल में भर्ती थी और बार-बार बिना बताए चली जाती थी। उन्होंने कहा कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। हालांकि, उनका यह बयान सवालों के घेरे में है, क्योंकि घटनास्थल पर महिला को शौचालय में प्रसव करना पड़ा।