Guru Nanak Dev’s birthday celebrated in Lucknow | लखनऊ में गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव मनाया गया: नगर कीर्तन में हजारों श्रद्धालु शामिल, लंगर में लोगों ने छका प्रसाद – Lucknow News

गुरु नानक देव महाराज के प्रकाश पर्व पर भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। नगर कीर्तन की अगुवाई परम्परागत वेशभूषा में सुसज्जित पांच प्यारे कर रहे थे। ये अपने हाथों में कृपाण लेकर चल रहे थे। उनके पीछे श्रद्धालु फूलों से सजी पालकी साहिब लेकर चल रहे थे।
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सेवक जत्थे एवं दलजीत सिंह बग्गा के नेतृत्व में यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा नाका हिण्डोला से प्रारंभ होकर विभिन्न रास्तों से होते हुए गुरुद्वारा साहिब पर वापस पहुंचा। यहां गुरु ग्रंथ साहिब की शाही सवारी को “गार्ड ऑफ ऑनर” दिया गया। कोषाध्यक्ष सुरिंदर पाल सिंह बक्शी के मुताबिक श्रद्धालुओं द्वारा रास्ते में कई जगहों पर केसरिया दूध, खीर, समोसे, बिस्कुट, और चाय का प्रसाद वितरण किया गया।
पालकी का स्वागत करते श्रद्धालु
गुरुद्वारा के दीवान हाल में रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह द्वारा गुरवाणी का कीर्तन किया गया। इसके बाद ज्ञानी गुरजिन्दर सिंह ने कथा व्याख्यान प्रस्तुत किया। नगर कीर्तन के समापन के बाद दशमेश सेवा समिति ने संगत को गुरु का लंगर वितरित किया।

रास्ते में पालकी का स्वागत करते सिख समाज के लोग
गुरुद्वारा नाका हिण्डोला के अध्यक्ष डॉक्टर अमरजोत सिंह ने प्रकाश पर्व पर संगत को बधाई दी। बताया कि 15 नवम्बर को डीएवी इंटर कॉलेज ऐशबाग रोड लखनऊ में गुरु नानक देव का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा से मनाया जाएगा। धार्मिक सचिव सरबजीत सिंह ने बताया कि इस अवसर पर प्रसिद्ध रागी जत्था गुरविन्दर सिंह जी हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर, रकम सिंह, दिलेर सिंह लखीमपुरी और प्रचारक ज्ञानी गुरजिन्दर सिंह संगत को शबद कीर्तन और कथा के माध्यम से निहाल करेंगे। साथ ही गुरु का लंगर भी वितरित किया जाएगा।

नगर कीर्तन में शामिल लोग
महामंत्री मनमीत सिंह बंटी ने बताया कि इस नगर कीर्तन में लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा, महामंत्री हरपाल सिंह जग्गी और गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब अहियागंज के अध्यक्ष डॉक्टर गुरमीत सिंह सहित विभिन्न गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों के सदस्य शामिल हुए।

नगर कीर्तन के दौरान विभिन्न संगठनों और निष्काम सेवा जत्थों ने भी भाग लिया। इसमें सिख यंग मैन्स एसोसिएशन, दशमेश सेवा सोसाइटी, सिमरन साधना परिवार और अन्य शामिल हुए। कई स्थानों पर गुरु ग्रंथ साहिब की शाही सवारी और संगतों पर फूलों की वर्षा की।