On Chhath festival, we will offer water from drain! | नाले के पानी से छठ पर देंगे अर्घ्य !: गंगा की अविरल धारा में बह रहे शहर भर के नाले, घाटों पर जमा गंदगी, हालात बद से बदतर – Kanpur News

नालों का गंदा पानी गंगा में बहता हुआ
7 नवंबर को अगर आप गंगा नदी में जाकर छठ मैया को अर्घ्य देने की सोच रहे हैं, तो जरा सावधान हो जाइए, क्योंकि नालों को टैप करने की जिम्मेंदारी एक मात्र ढकोसला है, आप गंगा के पवित्र जल से अर्घ्य देने के बजाए कहीं नाले के पानी से तो अर्घ्य तो नहीं दे रहे।
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गंगा में अभी भी नालों का पानी लगातार बहाया जा रहा है, जिम्मेदार एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ कर मामले से पल्ला झाड़ रहे है। दैनिक भास्कर एप ने छठ पर्व को लेकर गंगा किनारे घाटों की तैयारियों को लेकर जायजा लिया, तो गंगा किनारे के घाटों की स्थित बद से बदतर निकली।
गंगा नदी में आकर मिलता डबका नाला
पानी फिल्टर के नाम पर सिर्फ दिखावा
शहर के डबका नाला, मैस्कर घाट व गोला घाट पर शहर भर के नालों का गंदा पानी निरंतर गंदा में प्रवाहित हो रहा है। घाटों पर गंदगी बुरी तरह से व्याप्त पड़ी हुई है, 7 नवंबर को हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे छठ पर्व को मनाएंगे, लेकिन अब तक पूजा को लेकर कोई सुध नहीं ली गई है।
छावनी बोर्ड के डबका नाला को टैप करने की बात कही गई थी, लेकिन पड़ताल के दौरान नाला गंगा नदी में सीधे मिलता दिखाई पड़ा। पानी फिल्टर होने की बात के नाम पर मात्र एक छोटा सा टैंक दिखाई दिया। वहीं नाले में कुछ बोरियां लगी दिखी, लेकिन उससे नाले से निकलने वाला मल सीधे नदी में जा रहा था।

गोला घाट पर जमा गंदगी व नाले का पानी नदी में मिलता हुआ
गोला घाट पर गंदगी का भीषण अंबार
गोला घाट नाले की स्थितियां बद से बदतर दिखी तेज धारा में गंगा नदी की अविरल धारा में नाले का गंदा पानी आकर मिल रहा था। घाट के किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ था। नाले के बीचों बीच बालू की बोरियां लगी हुई थीं, लेकिन वह केवल दिखावा मात्र साबित हो रही थीं। इस दौरान घाट पर मौजूद नगर निगम कर्मचारी ने बताया कि गंदे पानी को फिल्टरेशन कर नदी में प्रवाहित किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही थी।

कुछ इस तरह की स्थिति है मैस्कर घाट की
निरीक्षण में बोरी लगा रोक दिया जाता है नाला
सर्किट हाउस,जज कालोनी,कानपुर क्लब,आर्मी कालोनी और पुलिस कालोनी समेत कई इलाकों से निकलने वाला मैस्कर घाट नाले का गंदा पानी नानाराव घाट स्थित गंगा नदी में मिल रहा था। घाट के आसपास रहने वालों के मुताबिक निरीक्षण के दौरान बोरियों से नाले को टैप करके कुछ देर पानी रोक दिया जाता है। बाद में बोरियां हटाकर फिर से सीवेज गिराने लगते हैं। कागजों में काम कर रहे अधिकारी
वार्ड एक छावनी परिषद से पार्षद पति सुमित तिवारी ने बताया कि नालों को टैप करने की प्रधानमंत्री की अति महात्वाकांक्षी परियोजना है, लेकिन अधिकारी दोहरा चरित्र अपना रहे है, सिर्फ कागजों में काम कर रहे है, आज तक नाले टैप नहीं किए गए। गंदगी में आकर हजारों श्रद्धालु मां गंगा को अर्घ्य देंगे, अब तक कोई अधिकारी घाटों पर सफाई कराने नहीं आया।