‘World Sight Day – Lucknow – KGMU – Awareness Program – ‘Newborns need to have their eyes checked at birth’ | ‘जन्म के समय नवजात की आंखों की जांच जरूरी’: वर्ल्ड साइट डे पर KGMU में अवेयरनेस प्रोग्राम, एक्सपर्ट्स ने दिए टिप्स – Lucknow News

जन्म के बाद बच्चों की आंखों की जांच करानी चाहिए। क्योंकि बहुत से बच्चों की नजर जन्म से कमजोर होती है। समय पर बीमारी की पहचान न होने से समस्या गंभीर हो सकती है। यह जानकारी KGMU नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ.अपजीत कौर ने कही।
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वे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस पर KGMU में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। डॉ. अपजीत कौर ने कहा कि जीवन के सभी चरण शिशुकाल, किशोरावस्था, वयस्क और वृद्धावस्था में आंखों की देखभाल बेहद जरूरी हैं। शारीरिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में आंखों की देखभाल को शामिल किया जाना चाहिए। जन्म के समय तो आंखों की जांच बेहद जरूरी होती है। क्योंकि बहुत से बच्चों को पांच से छह साल की उम्र के बाद आंखों की बीमारी का पता चलता है। समय पर बीमारी की पहचान न होने से नजर काफी कमजोर हो चुकी होती है। ज्यादातर बच्चों में स्कूल में पढ़ाई के दौरान बीमारी की आशंका होती है। जांच में नजर कमजोर होने का पता चलता है। उन्होंने कहा कि आंखों से पानी आना, सफेद पुतली, दर्द, स्राव, आंखें खोलने में असमर्थता समेत अन्य लक्षण नजर आने पर भी जांच करानी चाहिए।
स्क्रीन टाइम को ऐसे करें मैनेज
डॉ.अपजीत कौर ने कहा कि आंखों की बीमारी से बचने के लिए उचित संतुलित आहार लें। नियमित कृमि मुक्ति के माध्यम से पोषण का रखरखाव करें। आंखों में भेंगापन का पता लगाने के लिए जांच करानी चाहिए। नजर कमजोर होने पर निर्धारित चश्मा नियमित रूप से पहनना चाहिए। धुंधलापन, आंखों में खुजली, सिरदर्द के लक्षणों पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। निकट कार्य करने के लिए पर्याप्त रोशनी और स्क्रीन पर समय प्रबंधन महत्वपूर्ण है। यदि आप स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताते हैं, तो हर 20 मिनट में कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखकर ब्रेक लें।