600 km long march of Buddhist monks reached Ghazipur | गाजीपुर पहुंची बौद्ध भिक्षुओं की 600 किमी लंबी पदयात्रा: वाराणसी से कुशीनगर के लिए निकले हैं, महात्मा बुद्ध का संदेश सुनाया – Ghazipur News

बौद्ध धर्म अनुयायियों की पदयात्रा का गाजीपुर में भव्य स्वागत किया गया।
बौद्ध धर्म अनुयायियों की 600 किलोमीटर लंबी धम्मचारिका (पदयात्रा) वाराणसी से 16 नवंबर को शुरू होकर 8 दिसंबर को कुशीनगर में समाप्त होगी। इस पदयात्रा का कल शाम इशोपुर में भव्य स्वागत हुआ, जब यह यात्रा वाराणसी से गाजीपुर की सीमा में प्रवेश कर गई।
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इशोपुर में धम्मचारिका पदयात्रियों ने अपने अनुयायियों को महात्मा बुद्ध का संदेश सुनाया। भगवान बुद्ध के पहले उपदेश स्थली सारनाथ से शुरू हुई। इस बाइस दिवसीय यात्रा का नेतृत्व बौद्ध भिक्षु चंदिमा थेरो कर रहे हैं। इस यात्रा में बौद्ध भिक्षु राजकुमार सिद्धार्थ के ननिहाल महराजगंज के देवदह से होते हुए कुशीनगर तक जाएंगे, जो तथागत बुद्ध के महा परिनिर्वाण स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
चंदिमा थेरो ने इशोपुर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात करने से समाज और देश का समग्र विकास होगा। उन्होंने शांति, सौहार्द, समरसता और सदभावना के माध्यम से भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि आज समाज में जातिगत और धार्मिक उन्माद फैल चुका है, ऐसे में बुद्ध के उपदेश अत्यंत प्रासंगिक हैं।
बौद्ध धर्म अनुयायियों की पदयात्रा का गाजीपुर में भव्य स्वागत किया गया।
सभी को मिलना चाहिए समान अधिकार उन्होंने समाज में समता और समानता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि देश के हर नागरिक को समान अधिकार मिलना चाहिए। पदयात्रा कर रहे बौद्ध भिक्षुओं का इशोपुर में स्वागत करते हुए सिधौना बाजार के लालजी राम, पन्नालाल और बलमुनि ने फूलों की वर्षा की। भिक्षु डॉ. गीता ने कहा कि बहुजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना से सभी को बौद्ध धर्म के दस उपदेशों और चार सत्य और पांच बौद्धिक शिक्षाओं को ग्रहण करना चाहिए।

बौद्ध धर्म अनुयायियों की पदयात्रा का गाजीपुर में भव्य स्वागत किया गया।