Notorious Vinod Bawala acquitted in the murder of two real brothers | दो सगे भाइयों की हत्या में कुख्यात विनोद बावला बरी: मुजफ्फरनगर में 19 वर्ष पहले तोल केंद्र पर चली थी गोली, सबूत के अभाव में आरोपी बरी – Muzaffarnagar News

मुजफ्फरनगर के थाना क्षेत्र शाहपुर के गांव किनौनी के सगे भाई श्रवण और नरेंद्र की 19 साल पहले गोली मारकर की गई हत्या में आरोपी विनोद बावला को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया। गवाहों ने अदालत में अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया। प्रकरण की सु
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पुरानी रंजिश के चलते किनौनी गांव में पांच दिसंबर 2005 को बुग्गी में गन्ना लेकर तौल केंद्र पर जा रहे दोनों सगे भाइयों की हत्या कर दी गई थी। वादी सतेंद्र मोटा ने आठ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। आरोपी विनोद बावला की पत्रावली अलग कर दी गई थी। सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई। साक्ष्य के अभाव में आरोपी विनोद बावला को अदालत ने दोषमुक्त करार दिया।
छह दोषियों को हुआ था आजीवन कारावास वादी पक्ष की ओर से दोहरे हत्याकांड में विनोद बावला, ओमवीर, बिट्टू, नरेश, कविंद्र, उमरदीन, मोनू और सोहनवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। कुछ दिन बाद ही सोहनवीर की मौत हो गई, जिस कारण सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इनमें विनोद बावला की पत्रावली अलग कर दी गई थी। जबकि बाकी छह आरोपियों पर एडीजे सात की कोर्ट में 23 नवंबर 2011 में दोष सिद्ध हुआ था। इन छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
इस तरह पनपी थी किनौनी में रंजिश किनौनी गांव में धर्मेंद्र की साल 2004 में गांव के जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें नरेश पक्ष के लोग नामजद हुए थे। इस वारदात में श्रवण और नरेंद्र गवाह थे। आरोप था कि गवाही से रोकने के लिए दोनों की हत्या कर दी गई थी। इस तरह किनौनी में आपसी रंजिश को बल मिला था।
दोहरे हत्याकांड के वादी सतेंद्र उर्फ मोटा की साल 2009 में किनौनी के एक घेर में हुए बम विस्फोट में मौत हो गई। दो लोगों की मौत के अलावा पुलिसकर्मी भी घायल हुए।