उत्तर प्रदेश

Possession was done with the fake signature of Additional Commissioner | एडिशनल कमिश्नर के फर्जी साइन से हुआ कब्जा: अलीगढ़ में विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जे के लिए जारी कर दिए आदेश, शिकायत हुई तो खुली बात; होगी FIR – Aligarh News

फर्जी साइन से आदेश जारी करने के मामले की जांच शुरू हो गई है।

अलीगढ़ में एडिशनल कमिश्नर के फर्जी आदेश से एक विवादित प्रॉपर्टी पर एक पक्ष का कब्जा हो गया। आरोपियों ने एडिशन कमिश्नर प्रशासन का फर्जी साइन बनाकर एक पक्ष के फेवर में कब्जे के आदेश जारी कर दिए। जिसके बाद इसकी शिकायत कमिश्नर से की गई। अलीगढ़ कमिश्नर ने स

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फर्जी साइन से कब्जे के आदेश जारी होने के बाद इसमें भू-माफियाओं की मिली भगत होने की आशंका भी हो रही है। क्योंकि इसमें विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जे के आदेश दिए गए और एक पार्टी को सीधा लाभ दे दिया गया। इसमें डीएम और एसएसपी को भी सूचना भेजकर प्रॉपर्टी में कब्जा दिलाने की बात कही गई थी। जब दूसरी पार्टी कमिश्नर से मिली तो फर्जी हस्ताक्षर से आदेश की बात खुली है।

रावणटीला में प्रॉपर्टी के विवाद का है मामला

अलीगढ़ के रावणटीला के संजयगांधी कालोनी में एक प्रॉपर्टी को लेकर दो पक्षों के बीच में विवाद चल रहा है। इसमें राजीव कुमार और सीमा सिंह के बीच प्रॉपर्टी का झगड़ा है और दोनों ही विवादित प्रॉपर्टी को अपना बता रहे हैं। इसी प्रॉपर्टी को लेकर फर्जी साइन से कब्जे के आदेश जारी कर दिए गए।

आरोपियों ने एडिशनल कमिश्नर प्रशासन अरुण कुमार के फर्जी हस्ताक्षर करके यह आदेश जारी कर दिया। इसकी कॉपी अधिकारियों के साथ ही क्षेत्रिय थाने को भी भेज दी गई। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में कोई हस्ताक्षेप नहीं किया और विवादित प्रॉपर्टी पर दूसरे पक्ष ने बाउंड्रीवाल और चार दीवारी करा दी।

डीएम-एसएसपी के नाम था यह पत्र

एडिशन कमिश्नर अरुण कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से जारी पत्र डीएम और एसएसपी के नाम से जारी किए गए। 25 सितंबर की तिथि में यह आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें पत्र संख्या 1089 क्रमांक से तैयार किया गया है। इसमें लक्ष्मी बाई मार्ग के राजीव कुमार प्रार्थना पत्र का संदर्भ देते हुए आदेश जारी किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि रावणटीला स्थित संजय गांधी कालोनी की गाटा संख्या 1980 पर रकवा 0.415 हेक्टेयर निजी भूमि पर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात सिविल जज (कनिष्ठ प्रभाग) अलीगढ़ में वाद संख्या 586/2004 के आदेश पर 2011 में प्रार्थी को कब्जा दिलाया गया। इसके बाद से ही राजीव कुमार इस जमीन पर काबिज व दाखिल हैं।

मगर अब कुछ लोगों द्वारा अनावश्यक हस्ताक्षेप करते हुए राजीव कुमार को परेशान कर रहे हैं। इन लोगों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए संबंधित थाना प्रभारी को निर्देशित किया जाए। जिसके बाद राजीव कुमार ने प्रॉपर्टी पर कब्जा ले लिया।

पुलिस ने मदद करने से किया इनकार

एडिशनल कमिश्नर के फर्जी साइन वाले आदेश का हवाला लेते हुए राजीव कुमार ने प्रॉपर्टी पर बाउंड्रीवाल करनी शुरू कर दी। दो दिनों में उन्होंने चारो और दीवार का काम पूरा करा दिया। जब दूसरे पक्ष से संजय गांधी कालोनी की सीमा सिंह को हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

मगर पुलिस ने अपर आयुक्त के आदेश का हवाला देकर निर्माण कार्य रोकने से मना कर दिया। शनिवार और रविवार को छुट्‌टी होने के कारण सीमा सिंह अधिकारियों से नहीं मिल सकी। उन्होने सोमवार को कमिश्नर चैत्रा वी. से मिलकर सारी बात बताई। जिस पर उन्होंने कहा कि अदालती आदेश के बावजूद अपर आयुक्त ने यह आदेश दे दिए। जिसके बाद जांच शुरू हुर्इ।

क्लर्क की ओर से दी गई तहरीर

मंडलायुक्त चैत्रा वी. ने शिकायत मिलने के बाद सीधा एडिशनल कमिश्नर को बुलाकर सारे मामले की जानकारी ली। जिसके बाद एडिशनल कमिश्नर अरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने कोई आदेश जारी नहीं किए हैं और यह आदेश बिल्कुल फर्जी है। जिसके बाद इस बात का खुलासा हुआ।

फिर मंडलायुक्त ने तत्काल मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के आदेश के बाद संबंधित विभाग के क्लर्क की ओर से क्वार्सी थाने में तहरीर भी दे दी गई है, जिसके बाद सोमवार को इसका सत्यापन किया जाएगा। वहीं पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है।

मामले की हो रही है जांच

क्वार्सी थाना प्रभारी विजयकांत शर्मा ने बताया कि कमिश्नरी के क्लर्क की ओर से तहरीर मिली है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और मामले की जांच की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेजा जाएगा।

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