10 accused acquitted in Muzaffarnagar riots murder case | मुजफ्फरनगर दंगे में हुई हत्या में 10 आरोपी दोषमुक्त: 2013 में स्कूटर पर पत्नी के साथ जाते आशु की फुगाना में कर दी थी हत्या – Muzaffarnagar News

मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान 11 साल पहले फुगाना में लाठी डंडों से पीटकर आशु की हत्या के मामले में 10 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया। प्रकरण की सुनवाई विशेष पाॅक्सो एक्ट कोर्ट-2 में हुई।
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आठ सितंबर 2013 को फुगाना निवासी इमराना ने फुगाना थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि वह अपने पति आशु के साथ स्कूटर पर सवार होकर फुगाना बस स्टैंड की ओर जा रही थी। जब वह चंद्रपाल के घेर के सामने पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ ने घेर लिया।
आरोप लगाया कि भीड़ में शामिल गौरव उसके पिता अमरपाल, रॉकी उर्फ डाॅन, रतन, कपिल, सचिन, दिनेश, योगेश, अभिषेक, रूबी , मास्टर श्रीपाल और मनोज समेत अन्य लोगों ने उसके पति आशु पर लाठी-डंडो और धारदार हथियारों से हमलाकर हत्या कर दी थी।
एसआइटी ने विवेचना के बाद आरोपी मास्टर श्रीपाल को क्लीन चिट देते हुए 11 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। आरोपी सचिन की छह माह पहले सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
मुकदमे की सुनवाई विशेष पाक्सो एक्ट कोर्ट-2 में हुई। 10 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
आशु की पत्नी और मां ने कोर्ट में बदल दिये थे बयान दंगे के दौरान आशु की हत्या के मामले में उसकी पत्नी इमराना और मां वकीला कोर्ट में अपने बयानों से पलट गई थी। दोनों को कोर्ट ने पक्षद्रोही घोषित किया । इमराना ने घटना के बाद पुलिस को चार आरोपियों के विरुद्ध तहरीर दी थी। लेकिन 25 दिन बाद उसमें बदलाव करते हुए तहरीर से दो नाम निकाल कर 10 अन्य आरोपियों के नाम जुड़वा दिये थे।
फुगाना में आठ सितंबर 2013 को आशु की हत्या के मामले में उसकी पत्नी इमराना ने मुकदमा दर्ज कराया था। इमराना ने पुलिस को दी तहरीर में गांव के चार लोगों को नामजद किया था। लेकिन उसके बाद योगेन्द्र और सुधीर के नाम तहरीर से निकालकर 10 अन्य लोगों के नाम जोड़ दिये थे। सुनवाई कोर्ट में शुरू हुई तो वादी मुकदमा इमराना ने हत्याकांड में नामजद आरोपियों के शामिल होने से इंकार करते हुए गवाही दी थी।