उत्तर प्रदेश

E-rickshaws will run on QR-code and route basis in Varanasi from today 4200 e-rickshaws got color code in 13633 of Banaras Kashi zone, banned in Varuna and Gomti zones. | वाराणसी में आज से QR-कोड और रूटवार चलेंगे ई-रिक्शा: काशी जोन के 13633 में 4200 ई-रिक्शा को मिला कलर कोड, वरुणा और गोमती जोन में जाना प्रतिबंधित – Varanasi News

वाराणसी ट्रैफिक पुलिस लाइन में 10 सितंबर को क्यूआर और कलर कोड लगाकर सीपी और डीएम ने नई ट्रैफिक प्रणाली का आगाज किया गया था।

वाराणसी कमिश्नरेट के काशी जोन में सोमवार से ई-रिक्शा का संचालन के नई QR कोड यातायात प्रणाली के तहत किया जाएगा। शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा निर्धारित रूट पर QR-कोड लगाकर चलेंगे। काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों के चार रूट पर संचालित रिक्शे वरुणा जोन में नही

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काशी जोन के आदमपुर, जैतपुरा, कोतवाली, चेतगंज, सिगरा, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा, भेलूपुर, लंका और चितईपुर थाना क्षेत्र में 10 सितंबर से ई-रिक्शा को क्यूआर और कलरकोड बांटा जा रहा था, अब तक 4200 ई-रिक्शा को कोड आवंटित होने के बाद आज से सख्त संचालन किया जाएगा। काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों में लाल, पीले, हरे और नीले रंग के क्यूआर कोड तैयार किए गए हैं।

सीपी मोहित अग्रवाल, एसीपी चिनप्पा, डीसीपी ट्रैफिक ह्देश कुमार, एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय, एआरटीओ श्यामलाल, एसीपी ट्रैफिक गौरव कुमार इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। बिना स्टिकर चलने वाले ई-रिक्शो पर सख्ती से जांच कर पुलिस कार्रवाई करेगी।

10 सितंबर से नई प्रणाली का आगाज

एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय ने बताया कि काशी जोन में ई-रिक्शा के लिए लागू कलर कोड और रूटवार संचालन के लिए QR कोड युक्त स्टिकरों का आवंटन रविवार को पूरा हो गया। आज से काशी जोन में चार कलर कोड-रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू के मुताबिक ई-रिक्शों का संचालन अनिवार्य कराया जाएगा। 10 सितंबर से स्टिकरों आवंटन शुरू हुआ था, 13 दिनों का समय आवंटन के लिए दिया गया था। काशी जोन में अब बिना स्टिकर के ई-रिक्शा संचालन या निर्धारित कोड युक्त स्टिकर के विपरीत दूसरे रूटों पर संचालन मिलने पर ई-रिक्शा सीज किए जाएंगे।

प्रमुख सड़कों पर जाम से मिलेगी राहत

ADCP ट्रैफिक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों आदमपुर, जैतपुरा, कोतवाली, चेतगंज, सिगरा, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा, भेलूपुर, लंका और चितईपुर के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। सभी ई-रिक्शा चालक को क्यूआर कोड उनकी सुविधा को देखते हुए दिया गया।

नई व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। काशी की तरह ही गोमती और वरुणा जोन के ई-रिक्शा काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों में कतई नहीं आने दिया जाएगा, नियम तोड़ने पर यातायात के नियमों के तहत जुर्माना लगेगा। ई-रिक्शा के साथ ऑटो के खिलाफ भी अभियान चलेगा। इसमें सिटी परमिट वाले ऑटो शहर जबकि रामनगर परमिट वाले ऑटो वहां के क्षेत्र में चलेंगे।

रामनगर के ऑटो सामनेघाट तथा नमो घाट तक ही आएंगे। वहीं शहर के ऑटो रामनगर नहीं जाएंगे। देहात क्षेत्र के ऑटो शहर में नहीं आएंगे या फिर रामनगर नहीं जा सकेंगे। वरुणा और गोमती के ई-रिक्शा काशी जोन के क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। अपने ही क्षेत्र में चलेंगे। यदि कोई सवारी कैंट रेलवे स्टेशन जाना चाहती है तो उसे सेकेंड एंट्री की ओर उतारेंगे।

पुलिस कमिश्नर ने चार थाना वार कलर कोड जारी करते हुए रूट का संचालन तय किया है।

पुलिस कमिश्नर ने चार थाना वार कलर कोड जारी करते हुए रूट का संचालन तय किया है।

4200 को क्यूआर कोड वाले स्टिकर दिये

एडीसीपी ट्रैफिक ने कहा कि काशी जोन में कुल 13633 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। इसमें केवल 5952 का ही फिटनेस है। इसमें रविवार तक करीब 4200 को क्यूआर कोड वाले स्टिकर दिये गये हैं। वहीं, पूरे जिले में कुल 26339 पंजीकृत ई-रिक्शा में 13283 का फिटनेस फेल है।

इन जगहों पर रुकेंगे ई-रिक्शा

रेड और ऐलो जोन में कबीरमठ तिराहा, हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज, संपूर्णानंद संस्कृत विवि गेट नंबर तीन, कोतवाली और नमो घाट हॉल्टिंग प्वाइंट होंगे।

ग्रीन और ब्लू जोन के रूट पर रवींद्रपुरी चौराहा, संकुलधारा पोखरा, महमूरगंज, गुरुधाम चौराहा, सामनेघाट पुल पश्चिमी अंडर पास, सामनेघाट रुकेंगे।

नई प्रणाली को लेकर कई ई-रिक्शा संचालक हड़ताल पर हैं और उन्होंने कलर कोड भी नहीं लिया है।

नई प्रणाली को लेकर कई ई-रिक्शा संचालक हड़ताल पर हैं और उन्होंने कलर कोड भी नहीं लिया है।

नई यातायात प्रणाली पर ई-रिक्शा चालकों का विरोध

बनारस यातायात प्रशासन की ओर से ई-रिक्शा संचालन को लेकर बनाई गई नई व्यवस्था को लेकर शहर में ई-रिक्शा चालक खफा हैं। ई-रिक्शा चालक वरुणा के शास्त्री घाट पर धरनारत हैं। एरिया बंटवारे को लेकर ई-रिक्शा चालक यूनियन ने टोटो चालकों की महापंचायत बुलाई है। इस प्रदर्शन को सपा और कांग्रेस पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है, विपक्षी दलों ने प्रशासन की इस नीति को गलत बताया है। वहीं पिछले रविवार को रिक्शा चालकों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव कर विरोध दर्ज कराया था

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