Aligarh rapist sentenced to 20 years in prison | अलीगढ़ में दुष्कर्मी को 20 साल की सजा: मंदिर में ले जाकर पुजारी ने बच्ची को बनाया था हवस का शिकार, 30 दिन में आया फैसला – Aligarh News
कोर्ट ने दोषी को 20 साल कैद और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अलीगढ़ के सासनीगेट थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी मानते हुए न्यायालय ने 20 साल कैद की सजा सुनाई है। बीएनएस के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने आरेापी को गिरफ्तार किया था और जेल भेज दिया था।
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एडीजे पॉस्को एक्ट सुरेंद्र मोहन राय की कोर्ट में इस मामले का ट्रायल चल रहा था। जिसके बाद उन्होंने सारे गवाह और साक्ष्यों को आधार मानते हुए 30 दिन के अंदर फैसला सुनाया है और दोषी को सजा सुना दी है। कोर्ट से सजा मिलने के बाद पुलिस ने दोषी को जेल भेज दिया है। वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवार ने जल्द न्याय मिलने पर खुशी जताई है।
3 जुलाई को मंदिर में की थी वारदात
सासनीगेट थाना क्षेत्र निवासी एक बुजुर्ग ने थाने में मासूम से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि उनकी 5 साल की मासूम पोती घर के बाहर खेल रही थी। तभी नजदीक के ही मंदिर के पुजारी जमनादास उर्फ जालम सिंह बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपने साथ ले गया था।
इसके बाद आरोपी बच्ची को कमरे में ले गया था और दुष्कर्म का शिकार बनाया था। फिर बच्ची के दादा ने सासनीगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित ने बताया था कि आरोपी मध्य प्रदेश का रहने वाला है। लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया था और पीट-पीटकर पुलिस के हवाले किया था। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी।
7 दिन में दायर हुई थी चार्जशीट
घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी और सीओ प्रथम अभय कुमार पांडेय ने मामले की विवेचना की थी। उन्होंने 7 दिन के भीतर की चार्जशीट दायर कर दी थी, जिसके बाद मामले का ट्रायल शुरू हो गया था। 25 सितंबर को कोर्ट में आरोप तय किए गए थे।
कोर्ट में 27 सितंबर को बच्ची की गवाही हुई थी और उसके दादा के भी बयान दर्ज किए गए थे। 30 सितंबर को बच्ची के पिता और 3 अक्टूबर को बच्ची की मां और चाचा ने कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराए थे। इसके बाद जांच अधिकारी और बच्ची का मेडिकल करने वाले अधिकारियों के बयान हुए थे। अब कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
बीएनएस में प्रदेश की दूसरी सजा
भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद बीएनएस के तहत यह प्रदेश में दूसरी सजा है। वहीं देश की तीसरी सजा है। इससे पहले 19 अक्टूबर को कोर्ट का फैसला आया था, जिसमें कोर्ट ने सिर्फ 27 दिन में दुष्कर्मी के खिलाफ फैसला सुनाया था। यह मामला प्रदेश का पहला मामला था और देश का दूसरा मामला था। जिसमें बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था और कोर्ट ने फैसला सुनाया था।
दोषी पर आर्थिक दंड भी लगाया गया
विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि दोषी को कैद की सजा देने के साथ ही 50 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। इसमें से 40 हजार रुपए पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर आर्थिक दंड जमा कराने के निर्देश दिए हैं।