उत्तर प्रदेश

ips rijul, WHO IS ips rijul, ips rijul STORY, ips rijul WIFE, ips rijul LOVE STORY | मां की आखिरी कविता ने दी हिम्मत, IPS बने ऋजुल: बुलंदशहर में कुख्यात को ढेर किया; लव मैरिज के लिए छिपाया 13 साल का अफेयर – Bareilly News

‘बचपन से ही वर्दी पहनने का सपना था, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ठान लिया कि IPS ही बनना है। पहले 4 प्रयास में 2 बार UPSC क्रैक तो किया। लेकिन, IPS रैंक नहीं मिली। मां बचपन से ही चाहती थीं कि मेरा बेटा पुलिस अफसर बनकर जनता की सेवा करे। CISF में अस

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यह कहना है IPS ऋजुल का। 2022 बैच के IPS ऋजुल इस समय वेस्ट यूपी के बुलंदशहर जिले में ASP हैं। इससे पहले उनकी तैनाती मेरठ में थी। महज दो साल के करियर में ऋजुल ने मेरठ में हिस्ट्रीशीटर मर्डर केस को सॉल्व किया। बुलंदशहर में डेढ़ लाख के इनामी कुख्यात को ढेर किया।

IPS ऋजुल ने कैसे खाकी तक का सफर तय किया? शादी करने के लिए 13 साल तक कैसे रिलेशन छिपाकर रखा?

दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS ऋजुल की कहानी 6 चैप्टर में पढ़ेंगे…

ऋजुल बताते हैं- मैं उत्तराखंड का हूं। मेरा घर ऊधमसिंह नगर के बाजपुर कस्बे में है। पापा बाबूलाल DFO रहे। मम्मी ममता सरकारी टीचर थीं। मम्मी ने बचपन में जिस नाम से पुकारा, वही स्कूल में लिखा गया। वही सभी रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।

ऋजुल ने कहा- मेरी प्राइमरी एजुकेशन बाजपुर से ही पूरी हुई। स्कूल घर से करीब डेढ़ किमी दूर था। पापा-मम्मी मुझे पहले रिक्शे से भेजते थे। जब बड़ा हुआ, तो मुझे साइकिल चलाने में मजा आने लगा। फिर क्लास-7 में घर वालों की मर्जी से साइकिल से ही स्कूल जाने लगा।

कई बार साइकिल से घर आते समय लेट हो जाता तो मम्मी की डांट भी पड़ती। बस यही था कि स्कूल से लौटते समय थोड़ी मस्ती हो जाती थी। 2009 में सेंट मेरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बाजपुर से प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल पास किया। 2011 में यहीं से प्रथम श्रेणी में 12 वीं भी पास की।

IPS ऋजुल बताते हैं- मेरे पापा भी ऑफिसर से रिटायर हुए। मम्मी ने PCS की तैयारी की, वह भी अफसर बनना चाहतीं थी। लेकिन, सरकारी टीचर बनीं। वो हमेशा चाहती थीं कि बेटा IPS अफसर ही बने। इंटर के बाद मम्मी-पापा ने मुझे पढ़ने के लिए जयपुर भेज दिया। यहां मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट जयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद कभी जॉब के लिए ट्राई नहीं किया। क्योंकि पढ़ाई करने के बाद UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

ऋजुल बताते हैं- 2018 में CISF में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर चयन हुआ। जब यह बात मम्मी-पापा को पता चली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लेकिन मेरा लक्ष्य सिर्फ IPS बनने का ही था, इसलिए नौकरी को ठुकरा दिया। 2020 में UPSC क्रैक करते हुए DANIPS का पद मिला। रैंक कम आने से अच्छा नहीं लगा। तो फिर मैंने जॉइनिंग नहीं ली। मम्मी ने हिम्मत बढ़ाई और कहा कि बेटा अभी और मौके हैं, एक दिन जरूर सफलता मिलेगी।

‘तुमको उड़ान भरना है, मंजिलें वही होंगी रास्ते बनाना है। उन रास्तों पर चलना है, तुमको उड़ान भरना है, मां का आंचल छोड़ पिता का प्यार भी त्यागना है’… इन लाइनों को सुनाते हुए ऋजुल कहते हैं- ये मेरी मम्मी की कविता है। उन्होंने इसे मेरे लिए लिखा था। इसे ही गुनगुनाती थीं। मार्च 2021 को उन्होंने ऐसा लिखा।

ऋजुल बताते हैं कि अगले महीने यानी अप्रैल, 2021 में कोविड का बुरा समय आया। मम्मी की डेथ हो गई। अचानक पता नहीं क्या हो गया। मम्मी का सपना था कि एक दिन बेटे को वर्दी में जरूर देखूंगी। लेकिन वह सपना.. सपना ही रह गया। पापा ने हिम्मत नहीं हारने दी। फिर से तैयारी करने के लिए दिल्ली आ गया। पापा हमेशा कहते कि यह जीवन का पार्ट है। पापा ने हमेशा नई प्रेरणा देकर सफलता के लिए आगे बढ़ाया।

कुछ दिन बाद ही UPSC का इंटरव्यू था, लेकिन नंबर कम आए। मां को याद करते हुए यह ठान लिया कि उनके सपने को साकार करके ही रहूंगा। पांचवें प्रयास में IPS बनकर सफलता पाई और बैच मिला 2022। आज मम्मी नहीं हैं, लेकिन यह उन्हीं की दी हुई प्रेरणा है। वह हमेशा से मुझे वर्दी में देखना चाहती थीं।

ऋजुल बताते हैं- 2024 की बात है मेरठ में तैनाती थी। रोहटा थाना क्षेत्र में कुख्यात वीरेंद्र उर्फ कालू की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की, फोरेंसिक टीम भी बुलाई। शुरुआती जांच में पता चला कि धारदार हथियार से सिर पर वार कर हत्या की गई है। सिर खून से लथपथ था, शरीर पर अन्य जगह भी निशान थे।

पुलिस ने मोबाइल की जांच पड़ताल कर सीडीआर निकाली। मरने वाले पर डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे। यह कुख्यात योगेश भदौड़ा गैंग के लिए पूर्व में काम कर चुका था। सबसे पहले पुलिस ने जमीनी रंजिश व अवैध संबंधों पर काम करना शुरू किया। केस की बारीकी से हर पहलुओं पर जांच की।

पुलिस ने पीड़ित परिवार और पड़ोस के लोगों से भी पूछताछ की। पहले पुलिस मान रही थी कि अवैध संबंधों में भी हत्या हो सकती है। मर्डर केस में कड़ी जुड़ने पर पता चला कि जमीनी रंजिश में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र की हत्या की गई है।

अलग-अलग स्थानों पर 10 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई। परिवार के अलग-अलग सदस्यों से भी जानकारी ली। फिर इस मर्डर केस को सॉल्व किया गया। यह मेरा पहला मर्डर केस था, जिसमें एसएसपी और उच्च अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे।

IPS ऋजुल बताते हैं- इसी अक्टूबर, 2024 में बुलंदशहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में 20 साल के अभिषेक की हत्या कर दी गई। सूचना पर मैं तत्काल मौके पर पहुंचा। घटना के बारे में जांच पड़ताल की। युवक की हत्या चाकू से गोदकर की गई थी, फर्श पर शव खून से लथपथ हालत में पड़ा था। फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड भी बुलाया गया।

शरीर पर पेट से लेकर कंधे तक अलग-अलग चाकू के वार किए गए थे। फर्श पर खून के निशान देखकर लगा कि किसी करीबी ने ही हत्या की है। युवक की मां ने बताया सुबह दोनों बेटों में टीवी के रिमोट को लेकर विवाद हो गया था, जिसके दोनों को समझा दिया था।

इसके बाद पुलिस से सबसे पहले घर के बाहर गली में सीसीटीवी कैमरे देखे। यह बात स्पष्ट हो चुकी थी कि हत्या करने वाला बाहर का नहीं है। घर के ही किसी सदस्य या करीबी ने हत्या की है। पुलिस ने मरने वाले अभिषेक के बड़े भाई बिट्टू से पूछताछ की।

1 घंटे में ही इस केस को सॉल्व किया। जांच में पता चला कि बड़े भाई ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। मां ने थोड़ा शक जताया था कि सुबह दोनों में कहासुनी हुई थी। ऋजुल बताते हैं कि यह मर्डर केस पूरे साक्ष्य के आधार पर सॉल्व किया गया।

जिस समय घटना हुई उस समय दोनों भाइयों की लोकेशन घर पर ही थी। टीवी के रिमोट को लेकर पहले दोनों में कहानी हुई और फिर हाथापाई हो गई। मामूली विवाद में भाई ही छोटे भाई की जान का कातिल बन गया। बिट्टू ने चैनल बदलने को लेकर छोटे भाई की चाकू से गोद कर हत्या कर दी। यही नहीं आरोपी ने कत्ल के बाद चाकू भी घर में ही छिपा दिया।

घटना के समय पड़ोस के लोग मान रहे थे कि भाई-भाई को नहीं मार सकता, कुछ दूसरा कारण भी हो सकता है। लेकिन जब हत्या के जुर्म में बड़े भाई को गिरफ्तार किया और पूछताछ की। तब आरोपी ने जुर्म की पूरी कहानी पुलिस को बताई। आरोपी मर्डर के बाद पुलिस को उलझाना चाहता था। वह लूटपाट के इरादे से घर का सामान भी बिखरने की फिराक में था। लेकिन तब तक पुलिस सीसीटीवी से पूरे सबूत जुटा चुकी थी।

IPS ऋजुल बताते हैं- 12 अक्टूबर, 2024 को देर रात का समय था। बुलंदशहर कोतवाली पुलिस टीम देहात क्षेत्र में जाल खेड़ा गांव के पास वाहन चेकिंग कर रही थी। तभी नहर पटरी के पास एक संदिग्ध बाइक सवार पुलिस को देख भागने लगा। पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो युवक कच्चे रास्ते की तरफ बाइक लेकर भाग निकला। युवक बाइक छोड़कर खेतों की तरफ भागा और पुलिस पर फायरिंग कर दी।

इसके बाद दो थानों की पुलिस और SOG टीम को वायरलेस पर सूचना फ्लैश कर मौके पर भेजा गया। मैं भी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचा। बदमाश पिस्टल से कई राउंड फायरिंग करता रहा। जिसमें सिपाही व एसओ घायल हो गए। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो बदमाश एनकाउंटर में घायल हो गया। जिला अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बदमाश की पहचान राजेश अहेरिया के तौर पर हुई। कुख्यात राजेश पर बुलंदशहर और अलीगढ़ जिले में 54 मुकदमे दर्ज थे।

राजेश पर UP पुलिस की तरफ से डेढ़ लाख रुपए का इनाम घोषित था। कुख्यात पिछले 10 साल से बुलंदशहर व अलीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर छिपकर अपराध कर रहा था। राजेश के गैंग ने रात में अलग-अलग स्थान पर लूट व डकैती की वारदातों को अंजाम दिया था।

ऋजुल बताते हैं कि 2009 में जब मैं 10 वीं में पढ़ाई कर रहा था। तब घर से कुछ दूरी पर बाजपुर कस्बे में ही ट्यूशन पढ़ने जाता था। यहीं पर मेरी मुलाकात निधि से हुई। वह उस समय दूसरे कॉलेज में पढ़ाई कर रहीं थीं। धीरे-धीरे हमारे बीच बातचीत होने लगी और हम दोस्त बन गए। लेकिन, हमारे कॉलेज अलग-अलग थे।

उस समय यह बात मैंने परिवार में किसी को नहीं बताई। इंटर पास करने के बाद मैं पढ़ाई करने के लिए जयपुर चला गया। वहीं, निधि पढ़ने के लिए रुड़की चली गईं। उसके बाद भी हम दोनों में बातचीत होती रही। UPSC की तैयारी के दौरान निधि ने मेरा साथ दिया और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। UPSC में जब दो बार रैंक अच्छी नहीं आई, तब भी वह मेरे साथ खड़ी रहीं।

मैंने निधि को मम्मी से मिलवाया था। वह घर भी आया-जाया करती थीं। IPS बनने के बाद मैंने पापा को बताया। इसके बाद पापा शादी के लिए तैयार हो गए। साल 2022 में निधि से शादी की, इस समय वह SBI में कार्यरत हैं।

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