उत्तर प्रदेश

After seeing the moon, the married women broke their fast | चंद्रमा के दर्शन कर सुहागिनों ने खोला व्रत: अलीगढ़ में सुहागिनों ने की करवा चौथी की पूजा, नव-विवाहिताओं में भी रहा पूजा का उत्साह – Aligarh News

अलीगढ़ में सुहागिनों ने पूरे उत्साह के साथ करवा चौथ का व्रत और पूजा की।

अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाने वाला करवा चौथ का त्योहार रविवार को जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने पूरे दिन व्रत रखा और विधि विधान से पूजा अर्चना की। इसके बाद जब रात में आकाश में चांद आया तो उन्होंने चंद्रमा के दर्शन किए और पति क

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सुहागिन महिलाओं ने शाम से ही पूजा की तैयारियां शुरू कर दी। उन्होंने सोलह शृंगार किए और फिर परिवार की बुजुर्गों के साथ विधि विधान से पूजा की। इस दौरान नव विवाहितों में भी व्रत के प्रति उत्साह रहा और उन्होंने अपनी सास और परिवार की बुजुर्ग महिलाओं के साथ पूजा की और पति की लंबी आयु की कामना की।

महिलाओं ने चंद्रमा के दर्शन के बाद अपना व्रत तोड़ा।

चंद्रमा के दर्शन को करना पड़ा इंतजार

व्रत और पूजन करने के बाद सुहागिनों को हर साल की तरह इस बार भी चंद्रमा के दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ा। लेकिन चंद्र देव ने इस बार ज्यादा देर इंतजार नहीं कराया और समय से ही व्रती महिलाओं को दर्शन दिए।

अलीगढ़ में रात 8 बजे चंद्रमा के उदय होने का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन चंद्र देव कुछ देरी से उदय हुए। रात 8:10 पर जैसे ही चंद्रमा आसमान में आए, महिलाओं ने उन्हें अर्घ्य दिया और पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा। इस दौरान लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की।

सुहागिनों ने विधि विधान से चंद्रमा के दर्शन किए और अपना व्रत पूरा किया।

सुहागिनों ने विधि विधान से चंद्रमा के दर्शन किए और अपना व्रत पूरा किया।

करवा चौथ के व्रत का है विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में करवा चौथ के व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि महाभारत काल में द्रोपदी ने भी पांडवों की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। एक दिन अर्जुन नीलगिरी गए। पीछे से पांडवों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा।

द्रोपदी ने भगवान कृष्ण से सहायता मांगी।उन्होंने द्रोपदी को बताया कि ऐसी संकट की घड़ी में माता पार्वती ने शिव जी से पूछा था कि क्या किया जाए। तब भोलेनाथ ने ही संकट से उबरने के लिए करवा चौथ व्रत रखने की सलाह दी थी।इसके बाद द्रोपदी ने करवा चौथ का व्रत रखा था, जिससे पांडवों पर आया संकट टल गया था।

व्रत कथा सुनने को मंदिरों में रही भीड़

करवा चौथ के मौके पर शहर के मंदिरों में भारी संख्या में सुहागिन स्त्रियों की भीड़ देखने को मिली। महिलाएं अपने परिवार और परिचित सुहागिनों के साथ मंदिर पहुंची और पूरे विधि विधान से पूजन किया। इस मौके पर उन्होंने करवा चौथ की व्रत कथा सुनी, जिसके बाद घर जाकर चंद्रमा के दर्शन किए और फिर अपना व्रत खोला।

शहर के टीकाराम मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, पथवारी देवी मंदिर, दुर्गा मंदिर, अचलताल स्थित भगवान गणेश मंदिर आदि मंदिरों में प्रसाद चढ़ाकर व्रती महिलाओं ने भगवान से पति के सारे कष्टों का दूर करने और परिवार में सुख और शांति के लिए प्रार्थना की। त्योहार को देखते हुए मंदिरों में विशेष तरह की साज सजावट भी की गई थी।

करवा चौथ का त्योहार मनाते कपिल वार्ष्णेय व उनकी पत्नी पूजा वार्ष्णेय

करवा चौथ का त्योहार मनाते कपिल वार्ष्णेय व उनकी पत्नी पूजा वार्ष्णेय

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