The inspector said to the judge…the police fixed many big judges | कोर्ट में दरोगा बोला…पुलिस ने बड़े-बड़े जज ठीक कर दिए: न्यायिक मजिस्ट्रेट ने SSP और CJM को भेजी दरोगा की शिकायत; लिखा-कोर्ट में की अभद्रता, दी धमकी – Aligarh News

दरोगा सोमवर रात को रेलवे पटरी पर आत्महत्या करने पहुंचा था। जिसके बाद अन्य पुलिस कर्मी उसे समझा बुझाकर वापस लाए थे।
अलीगढ़ में आत्महत्या करने वाले बन्नादेवी थाना क्षेत्र के दरोगा के प्रकरण में अब एक नया मोड़ आया है। उनके खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एसएसपी से अभद्रता की शिकायत की है। जिसमें बताया गया है कि दरोगा ने कोर्ट के अंदर अभद्रता की और गलत शब्दों का प्रयोग कि
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एसएसपी के साथ इस शिकायत की प्रति मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भी भेजी है। दरोगा ने मंगलवार को रेलवे पटरी पर जाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। इसके साथ न्यायिक मजिस्ट्रेट पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर भी दी थी। अब न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस सारे मामले में उच्च अधिकारियों को सूचना भेजी है।
दरोगा ने मजिस्ट्रेट के खिलाफ दी थी तहरीर
बन्नादेवी थाने में तैनात रसलगंज चौकी प्रभारी सचिन कुमार 16 सितंबर को रेलवे पटरी पर आत्महत्या करने पहुंच गए थे। जिसके बाद थाना प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मी उन्हें समझा बुझाकर वापस लाए थे। उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट पर अभद्रता का आरोप लगाया था और इसी बात से पीड़ित होकर आत्महत्या की बात कही थी।
उन्होंने अधिकारियों को बताया था कि वाहन चोरों को लेकर वह कोर्ट में पेश हुए थे, लेकिन रिमांड मजिस्ट्रेट ने उन्हें शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक कोर्ट में खड़ा रखा। इसके साथ ही हर 10 मिनट में अपने चेंबर में बुलाकर अपशब्द कहे और अपमानित भी किया। इसके साथ ही उन्होंने थाने में मजिस्ट्रेट के खिलाफ तहरीर भी दी थी। वहीं दरोगा का वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा था।
मजिस्ट्रेट से अभद्रता करने का आरोप
रिमांड मजिस्ट्रेट ने एसएसपी और सीजेएम को भेजी सूचना में बताया है कि दरोगा सचिन कुमार ने कोर्ट में जमकर अभद्रता की। उन्होंने गिरफ्तारी के नियमों का पालन नहीं किया था और आरोपियों के परिजनों को सूचना नहीं दी थी। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो वह अभद्रता करने लगे।
पहले उन्होंने कहा कि पुलिस के पास इतना समय नहीं है कि वह आरोपियों के परिजनों को सूचना देती फिरे। फिर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि रिमांड मजिस्ट्रेट का काम रिमांड करना है, न कि पुलिस के लाए कागजों की बारीकी चेक करना। रिमांड करना उनकी मजबूरी है।
जज को धमकाने के भी आरोप
रिमांड मजिस्ट्रेट ने एसएसपी और सीजेएम को लिखे पत्र में बताया कि जब उन्होंने दरोगा सचिन कुमार को अभद्रता करने से रोका तो वह उन्हें धमकाने लगे। दरोगा ने जज से कहा कि पुलिस ने बड़े-बड़े जज ठीक कर दिए हैं। अभी एक रिपोर्ट लिखा देंगे तो होश ठिकाने आ जाएंगे।
इसके बाद दरोगा ने मजिस्ट्रेट के सामने केस डायरी को फेंक दिया और मजिस्ट्रेट से कहा कि यह कागज आप ही रख लो, हम मुलजिमों को लेकर जा रहे हैं। आपके खिलाफ मुकदमा लिखाएंगे कि तुमने हमें अनमानित करते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। यह कहजते हुए दरोगा सचिन कुमार कोर्ट से बाहर चले गए।
प्रकरण की शुरू हुई उच्च स्तरीय जांच
न्यायिक मजिस्ट्रेट के पत्र के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सारे मामले की बारीकी से जांच शुरू कर दी है। इसमें दरोगा से भी पूछताछ की जा रही है और प्रकरण से जुड़े हर एक तथ्य को देखा जा रहा है। जिससे कि सारे बिंदु स्पष्ट हो सकें।
एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि रिमांड मजिस्ट्रेट का पत्र मिला है। उन्होंने बताया कि यह सारा प्रकरण जिला न्यायधीश के संज्ञान में भी है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।