Mayawati tweeted about the guest house incident | मायावती बोलीं- सपा ने मुझ पर जानलेवा हमला करवाया था: गेस्ट हाउस कांड को फिर याद किया; कहा- कांग्रेस कभी नहीं बोली…BJP ने मुझे बचाया – Lucknow News

बसपा प्रमुख मायावती सपा-कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रही हैं। उन्होंने 28 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया। कहा- 2 जून 1995 को सपा ने मुझ पर जानलेवा हमला करवाया। उस वक्त भाजपा और अन्य विपक्षीय दल ने मेरा साथ दिया, लेकिन कांग्रेस के नेता षड्यंत्
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इसके बाद कांशीरामजी को तत्कालीन गृहमंत्री को हड़काना पड़ा। विपक्ष ने संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है?
कांग्रेसी सरकार ने अपना दायित्व नहीं निभाया था
मायावती ने सोमवार को X पर 6 पोस्ट किए। उन्होंने लिखा-2 जून 1995 में बसपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद सपा ने मुझ पर जानलेवा हमला कराया था। इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है?
उस दौरान कांग्रेसी सरकार ने अपना दायित्व नहीं निभाया था। उस वक्त कांशीराम जी को बीमारी थे। उनकी हालत गंभीर थी। इसके बाद भी उन्होंने हॉस्पिटल छोड़कर रात में गृहमंत्री को हड़काया। विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर कांग्रेसी सरकार हरकत में आई।
पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी कांग्रेस
मायावती ने कहा- उस समय कांग्रेसी सरकार की नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहां यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका षड्यंत्र बसपा ने फेल कर दिया।
जनगणना के बाद क्या कांग्रेस पिछड़ों वर्गों को हक दिला पाएगी?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- बसपा वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले कांग्रेस और अब बीजेपी पर अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है। जातीय जनगणना के बाद क्या कांग्रेस SC, ST-OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं, जवाब दें।
क्या था गेस्ट हाउस कांड

2 जून 1995 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हुआ था। यहां मायावती बैठक कर रहीं थीं, तभी सपा के विधायक और समर्थक पहुंच गए। वहां मारपीट और हमला किया।- फाइल
बात लखनऊ में 2 जून 1995 की है। प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार थी। बसपा गठबंधन तोड़ने के लिए स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक कर रही थी। तभी सपा के विधायक और समर्थक पहुंच गए। उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। बसपा विधायकों को उठाकर गाड़ियों में भरने लगे।
मायावती के साथ बदसलूकी की। मायावती ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। 4 घंटे बाद जब कमरा खुला तब यूपी की राजनीति के माथे पर गेस्ट हाउस कांड नाम का एक ऐसा कलंक लग चुका था जो आज तक मिट नहीं सका।
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भाजपा विधायक की बसपा प्रमुख मायावती पर टिप्पणी से यूपी की सियासत गरमा गई है। अखिलेश यादव ने बयान की कड़ी आलोचना की। कहा- भाजपाइयों के मन में महिलाओं के प्रति कटुता भरी है। राजनीति में मतभेद अपनी जगह होते हैं, लेकिन किसी को भी महिला के मान-सम्मान खंडित करने का अधिकार नहीं है। उन्हें भ्रष्टतम सीएम कहना शर्मनाक है। पढ़ें पूरी खबर