Aam Aadmi Party’s protest against the government in Meerut | मेरठ में आम आदमी पार्टी का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन: सरकार पर दलित, पिछड़ों और गरीबों को अनपढ़ रखने का आरोप लगाया – Meerut News

आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ता कमिश्नरी पार्क में एकत्र हुए।
मेरठ में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा और कहा कि प्रदेश सरकार की नीति दलित, पिछड़ों और गरीबों को शिक्षा से वंचित रखने की है।
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उन्हें पता है यदि इन परिवारों के बच्चे पढ़ेंगे तो अपने हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे। ऐसी स्थिति में आम आदमी पार्टी इन परिवार के साथ हैं। वे सरकार के मनमाने आदेश को लागू नहीं होने देंगे। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ता कमिश्नरी पार्क में एकत्र हुए। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार के 27000 सरकारी विद्यालयों के बंदी आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया।
अंकुश चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई है। यह प्रदेश सरकार द्वारा 2020 तक बंद किए गए 26000 स्कूलों के बाद अब एक नया कदम है। उन्होंने कहा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जानबूझकर सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता देने और उन्हें खोलने की नीति अपनाई जा रही है, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्र की संख्या कम हो सके और उन्हें बंद करने का रास्ता तैयार हो।
अंकुश चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है, जिसके अंतर्गत सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों की अनुमति दी जा रही है। जबकि नियमानुसार एक किलोमीटर की परिधि में ऐसे विद्यालयों को मान्यता नहीं दी जा सकती हैं। पार्टी मांग करती है कि हर जनपद के हर ब्लॉक में ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए, जो सरकारी विद्यालयों के पास स्थित हैं और अवैध रूप से खोले गए हैं।
उन्होंने कहा यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि इन निजी विद्यालयों की अनुमति देने से सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या घटती है और उनका आस्तित्व संकट में आ जाता है। सरकारी विद्यालयों को बंद करने का आदेश गलत है इससे न केवल छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, बल्कि इससे कई योग्य शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे, जो पहले से राज्य सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास कर चुके हैं और उन्हें रोजगार का अवसर मिल चुका है।