In Azamgarh, a clerk in the justice department is an inter-district ganja supplier | आजमगढ़ में न्याय विभाग का बाबू निकला गांजा सप्लायर: प्रदेश के कई जिलों में भांग के ठेकों पर होती थी सप्लाई, क्रेडिट पर मिलता था करोड़ों का माल – Azamgarh News

आजमगढ़ में न्याय विभाग का बाबू है अर्न्तजनपदीय गांजा सप्लायर, 18 कुंटल 30 किलोग्राम से अधिक गांजा बरामद।
यूपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की टीम ने एक दिन पूर्व जिन चार गांजा तस्करों को कानपुर के जाजमऊ से गिरफ्तार किया है। उनमें से तीन आरोपी आजमगढ़ जिले के रहने वाले हैं। गांजा तस्करी का मुख्य मास्टरमाइंड आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के हेंगापुर गांव
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मास्टरमाइंड राम सागर कितना शातिर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस डंफर में 49 प्लास्टिक की बोरियों में भरकर 18 कुंतल 30 किलोग्राम गांजा रखा गया था। उस डंफर को न्याय विभाग नेम प्लेट लिखी गाड़ी में बैठकर एस्कार्ट कर रहा था। जिससे कि किसी को शक न हो।
हालांकि आरोपी राम सागर की गाड़ी में भी गांजे के दौ पैकेट बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही आरोपी की ईको स्पोर्टस कॉर जिसका नंबर UP50 BA 4453 को चलाने वाला आरोपी संतोष यादव भी आजमगढ़ जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र के नौबरार देवारा जदीद किता 1 का निवासी है।
इसके साथ ही जो ईको स्पोर्टस कॉर पर बैठा तीसरा आरोपी मंगेश यादव आजमगढ़ जिले के अतरौलिया थाना क्षेत्र के ग्राम गजेन्द्र पट्टी भदौरा का रहने वाला है। वहीं डंफर चला रहा आरोपी पुंडलिक रायपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। चारों आरोपियों के कब्जे से नौ करोड़ 15 लाख से अधिक का गांजा बरामद हुआ है। जिले में गांजा तस्करों के सप्लायर के आजमगढ़ कनेक्शन का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी बड़ी संख्या में गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनके हैंडलर गांजा तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे। आरोपियों का पूरे प्रदेश में नेटवर्क फैला हुआ था।
प्रदेश के कई जिलों में फैला है नेटवर्क
इस मामले की जांच में एक बात और सामने आई कि आजमगढ़ में न्यायिक विभाग में कार्यरत बाबू अपने पद का दुरूपयोग करते हुए काफी दिनों से सबकी आंखों में धूल झोंककर शामिल है। आरोपी रामसागर का नेटवर्क पूरे प्रदेश के गांजा तस्करों से बताया जा रहा है।
उड़ीसा से जो माल आया इसे कहां पहुंचाना था। इस बात की भी पूरी जारकारी रामसागर को है। एजेंसियों के एंट्रोगेशन में आरोपियों ने अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है। इस मामले में आरोपियों के सीडीआर और लोकेशन के पहलुओं की जांच की जा रही है। जिससे कड़ियों को जोड़कर आरोपियों तक पहुंचकर इन गांजा तस्करों के नेक्सस को क्रैक किया जा सके।
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए इस पूरे ऑपरेशन को लीड कर रही बीनू सिंह बोली, आजमगढ़ में न्याय विभाग का बाबू हैं सरगना।
क्या बोली अधिकारी
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए इस पूरे ऑपरेशन को लीड कर रही पुलिस उपाधीक्षक डाक्टर बीनू सिंह ने बताया कि यह चारों आरोपी उड़ीसा से कम कीमत पर गांजा लाते थे और उसे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई किया करते थे। यह आरोपी इस गांजे की बिक्री भांग की दुकानों पर किया करते थे।
आरोपियों की उड़ीसा में इन गांजा कारोबारियों के यहां पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उड़ीसा में इन गांजा तस्करों को करोड़ो का मॉल क्रेडिट पर मिल जाया करता था। अपनी मजबूत पकड़ का फायदा उठाते हुए यह आरोपी गांजा तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे।

यूपी एसटीएफ ने 30 सितंबर को छापेमारी करते हुए तीन गांजा तस्करों को 256 किलोग्राम गांजे के साथ किया था गिरफ्तार।
30 सितंबर को आजमगढ़ में पकड़ा गया था 256 किलोग्राम गांजा
गांजा तस्करों का हब बने आजमगढ़ में यूपी एसटीएफ ने छापेमारी करते हुए 30 सितंबर को तीन गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों के कब्जे से 256 किलोग्राम गांजा बरामद किया है। जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में 50 लाख से अधिक कीमत बताई जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य सप्लायर आजमगढ़ जिले के मेंहनगर थाना क्षेत्र का बृजेश गौड़ था। जबकि दूसरा आरोपी जौनपुर जिले के जफराबाद का रहने वाला रमेश कुमार था। जबकि एक आरोपी रिंकू राउत गंजम ओड़िसा का रहने वाला था। एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी नंबर प्लेट की एक डीसीएम ट्रक, तीन मोबाइल फोन और चार हजार नकद भी बरामद किया था। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी मिर्जापुर जिले से की गई थी। बरामद गांजे को जनपद जौनपुर के कैलाश निवासी फत्तेगंज को देना था।

आजमगढ़ में अप्रैल 2023 में आर्मी ऑन ड्यूटी लिखी गाड़ी से हो रही गांजे की तस्करी मामले में दो आरोपियों को किया गया था गिरफ्तार।
इस तरह गुमराह करते हैं गांजा तस्कर
प्रदेश में गांजा तस्करी को अंजाम देने वाले यह गांजा तस्कर हर दिन नया प्रयोग कर सुरक्षा एजेसिंयों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं। यह तस्कर कभी गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाते हैं तो कभी गाड़ियों में अलग से कैविटी बनवाते हैं। कभी सेना के जवानों के ट्रांसफर हो रहे सामानों में गांजे को छुपा देते हैं तो कभी आर्मी ऑन ड्यूटी का बोर्ड लगाकर गांजे की तस्करी करते हैं।
ऐसे में जिस तरह से आजमगढ़ के गांजा सप्लायर राम सागर यादव ने तो पूरी तरह से न्याय विभाग की साख को ही दांव पर लगाकर गांजे की तस्करी करने लगा। इससे समझा जा सकता है कि इन गांजा तस्करों के मन में पुलिस-प्रशासन का खौफ नहीं है। यहीं कारण है कि यह आरोपी लगातार नए प्रयोग कर घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं। जिन मामलों की मुखबिरी हो जाती है। ऐसे मामलों का खुलासा हो जाता है। अन्यथा इन तस्करों की गाड़ी बेरोक-टोक दौड़ रही है।