उत्तर प्रदेश

कानपुर विश्वविद्यालय का एक और अंतर्राष्ट्रीय MOU:इस्तांबुल विश्वविद्यालय तुर्की के साथ मिलकर करेंगे शोध और शिक्षण कार्य


छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, (CSJMU) कानपुर और इस्तांबुल विश्वविद्यालय, तुर्की के बीच एक MOU हुआ है। इस MOU में विश्वविद्यालय के कुलपति एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक और इस्तांबुल विश्वविद्यालय, तुर्की के रेक्टर प्रो. जुल्फिकार ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन इस्तांबुल विश्वविद्यालय में रेक्टर के कार्यालय में किया गया। कुलपति प्रो. पाठक ने बताया कि समझौता ज्ञापन के तहत दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर के अनुसंधान और अकादमिक डेवलेपमेंट के लिए एक साथ मिलकर कार्य करेंगे। वैश्विक पटल पर शोध और शिक्षण के अवसर मिले उन्होंने बताया कि हमरा लगातार प्रयास है कि हमारे छात्रों को वैश्विक पटल पर शोध एवं शिक्षण के लिए अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि वह कानपुर विश्वविद्यालय के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, जिसके तहत एक वर्ष पूर्व उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय संबंध एवं अकादमिक सहयोग प्रकोष्ठ की स्थापना की थी। यह प्रकोष्ठ अभी तक 20 अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन कर चुका है। यह प्रकोष्ठ विदेशी छात्रों को कानपुर विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करता है, जिससे इस सत्र में 10 विदेशी छात्र विश्वविद्यालय में दाखिला ले चुके हैं। छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालय में मिलेगा मौका उन्होंने इस्तांबुल में हुए समझौते ज्ञापन के संबंध में कहा कि इससे न केवल हमारे छात्रों को किसी विदेशी विश्वविद्यालय के साथ काम करने का मौका मिलेगा, बल्कि दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र एक-दूसरे की संस्कृति को भी बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। प्रो. पाठक ने कहा कि हमारा उद्देश्य संयुक्त शोध के साथ-साथ शिक्षकों और छात्रों का आदान-प्रदान भी है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के उपरांत प्रो. जुल्फिकार ने कहा कि यह हमारे लिए एक नए युग की शुरूआत है। हम भारत के साथ मिलकर शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए उत्साहित है।
इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल और राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली के उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग की अध्यक्ष प्रो. आरती श्रीवास्तव भी मौजूद थी।

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