उत्तर प्रदेश

The talk of bomb blast conspiracy turned out to be fake | फर्जी निकली बम ब्लास्ट साजिश की बात: नशेड़ी ई-रिक्शा चालक ने पुलिस को बताई थी रेलवे उड़ाने की साजिश की बात, ATS हो गई थी एक्टिव – Aligarh News

बम ब्लास्ट साजिश की सूचना पर सुरक्षा एजेंसियां और बम निरोधक दस्ते एक्टिव हो गए थे।

अलीगढ़ के रेलवे स्टेशन में बम ब्लास्ट करने की साजिश करने का मामला फर्जी निकला है। पुलिस को यह सूचना देने वाला ई-रिक्शा चालक ने नशे की स्थिति में पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद आरपीएफ, लोकल पुलिस के साथ एटीएस भी एक्टिव हो गई थी।

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जांच में सुरक्षा एजेंसियों ने पाया कि यह बात करने वाले दोनों कश्मीरी युवक भी निर्दोष हैं। उनसे गहना से पूछताछ करने के बाद यह बात सामने आई है, जिसके बाद उन्हें छोड़ भी दिया गया है। वहीं इन युवकों का एएमयू से भी कोई संबंध नहीं पाया गया है। हालांकि इस बारे में अभी सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी हुआ है।

एटीएस ने भी अलीगढ़ रेलवे स्टेशन की सुरक्षा संभाल ली थी और मामले की जांच शुरू कर दी थी।

8 नवंबर को मिली थी साजिश की सूचना

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के भमोला चौकी इंचार्ज को 8 नवंबर को एक ई-रिक्शा चालक ने सूचना दी थी कि उनसे दो कश्मीरी युवकों को बम ब्लास्ट की साजिश करते सुना है। रिक्शा चालक ने पुलिस को बताया था कि दोनों युवक 7 नवंबर की रात लगभग 10:30 बजे ट्रेन से आए थे।

इसके बाद वह उन्हें छोड़ने गया था। इस दौरान उसने सुना था कि वह दोनों रेलवे स्टेशन पर बम ब्लास्ट करने की बात कर रहे थे। ई-रिक्शा चालक से यह बात पता चलने के बाद पुलिस हरकत में आ गई थी। रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और एटीएस ने भी सुरक्षा की कमान संभालते हुए जांच शुरू कर दी थी।

रेलवे प्लेटफार्म से लेकर ट्रैक तक की निगरानी की जा रही थी।

रेलवे प्लेटफार्म से लेकर ट्रैक तक की निगरानी की जा रही थी।

नशे का लती है ई-रिक्शा चालक

सूत्रों के अनुसार एटीएस की जांच में यह सामने आया है कि पुलिस को सूचना देने वाला ई-रिक्शा चालक नशे का लती है। उसने नशे की हालत में कश्मीरी युवकों को बात करते सुना था। वह हंसी मजाक कर रहे थे और उसने यह सूचना पुलिस को दे दी।

मामला गंभीर था, इसलिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भी एक्टिव हो गई। दोनों युवकों की सीसीटीवी से पहचान की गई और उनकी खोज शु़रू कर दी गई। संदेह के आधार पर एएमयू को भी इनके फोटो भेजकर मदद मांगी गई थी। लेकिन इन दोनों युवकों का एएमयू से कोई संबंध नहीं निकला।

बम निरोधक दस्ता हर एक प्वाइंट पर नजर बनाए हुए था।

बम निरोधक दस्ता हर एक प्वाइंट पर नजर बनाए हुए था।

लखनऊ में पूछताछ के बाद युवकों को छोड़ा

सूत्रों के अनुसार ई-रिक्शा चालक ने दोनों युवकों को पहचान लिया था। जिसके बाद एटीएस उनकी तलाश में जुट गई थी और उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था। जिसके बाद उन्हें लखनऊ ले जाकर पूछताछ की गई। जिसमें यह बात सामने आई है कि वह आपस में हंसी मजाक कर रहे थे।

युवकों से पूछताछ के बाद जब सुरक्षा एजेंसियों ने ई-रिक्शा चालक से पूछताछ की, तो पता चला कि वह नशे का लती है। जिसके बाद यह सारा मामला साफ हो गया। इसके बाद ही दोनों संदिग्ध कश्मीरी युवकों को सुरक्षा एजेंसियों ने छोड़ा है।

हालांकि इस बारे में लोकल पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया है। वहीं दूसरी ओर सुरक्षा एजेंसियों ने भी कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है।

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