DDU…rejected the allegations of links with blacklisted firm | DDU…ब्लैकलिस्टेड फर्म से संबंधों के आरोपों को किया खारिज: जांच में सामने नहीं आई कोई गड़बड़ी, मिलते-जुलते नामों से हुआ था कन्फ्यूजन – Gorakhpur News

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने मैनपॉवर सप्लाई के लिए चयनित फर्म पर ब्लैकलिस्टेड होने के आरोपों पर अपना स्पष्ट रुख सामने रखा है। यूनिवर्सिटी की जांच में यह बात सामने आई कि आरोप केवल फर्मों के नामों के मिलते-जुलते होने के कारण कन्फ्यूज़न हुआ थ
.
BIS का चयन और शिकायतों की शुरुआत यूनिवर्सिटी ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए BIS को बिड प्रक्रिया के माध्यम से चयनित किया था। BIS के चयन के बाद इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से IGRS पोर्टल पर की गई थी। शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि DDU ने एक ब्लैकलिस्टेड फर्म को आउटसोर्सिंग एजेंसी के रूप में चयनित किया है और चयन को रद्द करके दोबारा बिड प्रक्रिया करने की मांग की गई थी।
जांच से हुआ BIS का पूरा इतिहास स्पष्ट IGRS से शिकायत मिलने के बाद डीडीयू यूनिवर्सिटी ने इस मामले की जांच की, जिसमें यह पाया गया कि BIS को आखिरी बार 2002 से 2006 के बीच सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद सुरक्षा का जिम्मा सैनिक कल्याण बोर्ड को दे दिया गया था। जांच में यह भी साफ हुआ कि BIS ने DDU यूनिवर्सिटी में किसी भी प्रकार का काम नहीं किया।
ब्लैकलिस्टेड फर्म का BIS से कोई संबंध नहीं इसके अलावा, जिन फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया था, उनका BIS से कोई संबंध नहीं था, जिससे यह साबित हुआ कि चयनित फर्म पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।