See the beauty of Lucknow’s Chandrika Devi Temple from a drone | लखनऊ के चंद्रिका देवी मंदिर की खूबसूरती ड्रोन से देखिए: लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतु को लगा था यहां डर, बर्बरीक ने 3 साल की थी तपस्या – Lucknow News

लखनऊ से 28 किमी. दूर बख्शी का तालाब में सिद्धपीठ मां चंद्रिका देवी का मंदिर है। यहां हर रोज भक्तों की भीड़ लगी रहती है। नवरात्रि और खास पर्व पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। मान्यता है कि त्रेता युग में लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतु अश्वमेध यज्ञ के अश्
.
उसी समय अमावस्या की अर्द्ध रात्रि में उन्हें जब डर लगने लगा तो उन्होंने अपनी मां उर्मिला द्वारा बताए गए मंत्रों से देवी मां का उच्चारण किया। तभी जंगल में चंद्र घटा छा गई और और चंद्रकेतु का डर दूर हो गया। इसी स्थान पर मां की स्थापना हो गई। इस पौराणिक तीर्थ की द्वापर युग में जो प्रमाणिकता मिलती है, वह स्कंद पुराण में है।
इस तीर्थ पर अमावस्या के अवसर पर मेला लगने का इतिहास ढाई सौ साल से अधिक पुराना है। कटक बासा का नाम अब कठवारा हो गया जहां सिद्धपीठ स्थापित है। दूसरी तरफ यह भी कहां जाता हैं कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने शक्ति प्राप्त करने के लिए घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को इस तीर्थ के बारे में बताया था।
बर्बरीक ने यहां लगातार 3 साल तक मां चंद्रिका देवी की पूजा की थी। मंदिर के पास में एक कुंड है। मान्यता है कि इस कुंड में नहाने भर से ही सारे पाप धुल जाते हैं। व्यक्ति कभी बीमार नहीं पड़ता है। इस कुंड का पानी आज तक सूखा नहीं है।
मंदिर के पीछे कुंड बना हुआ है।
वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें…