Advocate Ranjitlal Verma, associated with the Ram Mandir dispute, immersed in the five elements | राममंदिर विवाद से जुड़े अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा पंचतत्व में विलीन: निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता के तौर पर सुप्रीमकोर्ट तक में छाप छोड़ी – Ayodhya News

राममंदिर विवाद से जुड़े अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा (फाईल फोटो)
अयोध्या के प्रसिद्अधधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए। वह 86 वर्ष के थे और गुरुवार को सुबह ही उन्होंने अपने विभीषण कुंड स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। सरयू तट पर मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र ध्रुवजीत वर्मा ने दी। उनके परिवार में पत्नी सहित चार प
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अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा निधन की सूचना से उनके आवास से लेकर घाट तक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। इनमें महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, आइएएस अधिकारी आलोक कुमार, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, उद्यमी अंजनी गर्ग, भाजपा नेता अभिषेक मिश्र एवं विवेक मिश्र, प्राचार्य डा. राकेश मणि त्रिपाठी आदि सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता, संत-महंत एवं वर्मा परिवार से जुड़े लोग रहे।
रणजीतलाल वर्मा वस्तुत: एक युग के रूप में स्थापित रहे। उन्होंने स्थानीय स्तर पर न केवल अति सफल अधिवक्ता के रूप में धाक जमाई, बल्कि निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता के तौर पर लोअर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट तक में भी छाप छोड़ी। राम मंदिर की पैरवी के संदर्भ में उनसे निकटता से जुड़े रहे महंत रामदास के अनुसार अधिवक्ता पेशे से जुड़े होने के बावजूद वह शांत-सरल स्वभाव के थे और किसी भी स्थिति में विचलित न होने का उनका गुण सामने वाले को प्रेरित करता था। उन्हें विशिष्टता विरासत में मिली थी।
उनके पिता सर्वजीत लाल वर्मा की गणना आचार्य नरेन्द्रदेव जैसे शीर्ष समाजवादी विचारकों के साथ होती थी। वह चार भाई थे, जिनमें दो वकील, एक चिकित्सक एवं एक न्यायमूर्ति हैं। रणजीतलाल वर्मा के चार बेटों में दो वकील, एक इंजीनियर तथा एक मेडिकल कालेज में उप प्राचार्य हैं।