उत्तर प्रदेश

In Badaun, a widow was raped on the pretext of marriage | बदायूं में विधवा को शादी का झांसा देकर रेप: पीड़िता के बेटे को बताता था बिछड़े दोस्त के बेटे जैसा, इसी बहाने शुरू किया घर आना, पुलिस ने जेल भेजा – Badaun News

बदायूं की सदर कोतवाली इलाके के सुभाष चौक पर रहने वाला सचिन सूर्यवंशी पुत्र राधेलाल वर्मा को पुलिस ने महिला को शादी का झांसा देकर रेप के आरोप में जेल भेजा है। वहीं इस मुकदमे की पीड़िता का पुलिस को दिए गए बयान पर गौर किया जाए तो सचिन वाकई बेहद शातिर कि

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शहर निवासी विधवा महिला की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक उसने किराए पर घर लेने के लिए फेसबुक पर पोस्ट की थी। इस पर सचिन ने उस महिला से फेसबुक के जरिये संपर्क साधकर घर दिलाने की बात कही। हालांकि महिला को वो घर पसंद नहीं आया लेकिन सचिन महिला को इसके बाद भी मैसेज करने लगा।

यहां तक कह डाला कि उसके बेटे में उसे अपने बिछड़े हुए दोस्त का बेटा दिखता है। बेटे से मिलने के बहाने वह महिला के घर आने लगा और देखते ही देखते महिला को शादी के झांसे में लेते हुए उसके साथ रेप करने लगा। आरोप है कि सचिन उसकी अश्लील क्लीपिंग समेत कुछ तस्वीरें भी मोबाइल से बना लीं, जिन्हें वायरल करने की धमकी देने लगा।

संबंध तोड़े तो तेजाब से नहलाने की धमकी महिला ने आरोपी की मंशा समझते हुए उससे दूरी बनाई तो आरोपी ने उसे तेजाब से नहलाने की धमकी दे डाली। उसके बेटे को भी मारने की धमकी दी। इस पर पीड़िता टूट गई। जबकि इसी बीच महिला चुपचाप किराए पर अलग घर तलाशने लगी, ताकि सचिन से बच सके लेकिन इसकी भनक पर सचिन समेत मौजूदा घर के मकान मालिक ने उसे पीटा और हत्या की धमकी दी। इसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

अन्य महिलाएं भी आईं सामने बताया जाता है कि पीड़िता सचिन सूर्यवंशी की पहली शिकार नहीं है, बल्कि दो अन्य महिलाओं को भी इसी तरह झांसे में लिया था। वो महिलाएं भी बगावत पर उतर आई हैं और उसके खिलाफ शिकायत की तैयारी में हैं।

ये है सचिन की कहानी दरअसल, सचिन की शादी शहर के मढ़ई चौक निवासी एक युवती के साथ हुई थी। हालांकि उससे इसकी नहीं बनी और कलह घर की चाहरदीवारी को लांघती हुई थाने पहुंची और वहां से अब कोर्ट में है। कुल मिलाकर पत्नी ने आरोपी के खिलाफ घरेलू हिंसा समेत कई गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज कराया था। जो कोर्ट में विचाराधीन है।

जैसी सत्ता वैसा नेता सपा शासन में सचिन खुद को बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का करीबी बताता था। जबकि सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा नेताओं का करीबी खुद को बताने लगा। भारतीय एकता परिवार नाम से एक संस्था भी चलाता है, जिसकी आड़ में खुद को समाजसेवी कहता है।

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