25 people gave a complaint against Bhagat Singh’s companions | 25 लोगों ने दी थी भगत सिंह के खिलाफ गवाही: असेंबली में फेंकने के लिए आगरा के नूरी दरवाजे के मकान में बनाया था बम – Agra News

नूरी दरवाजे के इसी मकान में रहे थे भगत सिंह और उनके साथी
27 सितंबर को शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह का 117वां जन्मदिन है। आगरा में ही उन्होंने अपने साथियों के साथ बम तैयार किया था, जिसे बाद में असेंबली में बटुकेश्वर दत्त के साथ फोड़ने के लिए इस्तेमाल किया गया। दिलचस्प बात यह है कि आगरा के लगभग 25 लोगों ने भगत
.
आगरा क्रांतिकारियों का सेफ हाउस स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) ने आगरा को अपने क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र बनाया। इस संगठन के सेनापति क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद थे, जो अपने साथियों को शस्त्र संचालन और बम बनाने की कला सिखाते थे। आगरा के नूरी दरवाजा, हींग की मंडी और मोतीकटरा जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारियों ने किराए के मकान लेकर अपनी पहचान छुपाई और गतिविधियां चलाईं। नूरी दरवाजे के एक मकान में भगत सिंह अपने साथियों के साथ बम बनाते थे, और आगरा के आसपास के जंगलों में बमों का ट्रायल और हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती थी।
आगरा में ही खरीदी थी बम बनाने की सामग्री
असेंबली बमकांड, विरोध का प्रतीक
8 अप्रैल 1929 को अंग्रेजों द्वारा असेंबली में सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट्स बिल पेश किए गए, जिनके विरोध में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम फोड़ा। इस घटना के बाद दोनों ने मौके पर ही आत्मसमर्पण कर दिया। इस केस में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि लाहौर षडयंत्र मामले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित 21 क्रांतिकारियों पर अभियोग चला। इस केस में अंततः तीनों को फांसी की सजा दी गई।
आगरा में भगत सिंह के किराए के मकान भगत सिंह और उनके साथियों ने लाहौर कांड के बाद आगरा के नूरी गेट स्थित भग्गीमल महाराज के मकान में पांच रुपए महीने के किराए पर कमरा लिया था, जहां वे एक छात्र के रूप में रहे। इसके अलावा, वे नाई की मंडी में केसर बाग और हींग की मंडी के मकान संख्या 1784 में भी किराए पर रहे। इन मकानों में से हींग की मंडी वाला मकान 10 रुपए महीने के किराए पर लिया गया था, जहां क्रांतिकारी विस्फोटक सामग्री रखते थे।

नूरी दरवाजे पर खरीदते थे दूध
शिनाख्त और गवाहियां, क्रांतिकारियों पर लगे आरोप आगरा के मकान मालिकों और स्थानीय लोगों ने अदालत में भगत सिंह और उनके साथियों के खिलाफ गवाही दी। नूरी गेट के मकान मालिक छन्नामल, हींग की मंडी के भरोसी लाल और अन्य दुकानदारों ने क्रांतिकारियों की शिनाख्त की। उन्होंने भगत सिंह के साथी शिव वर्मा, गया प्रसाद और जयदेव कपूर की पहचान की, जो क्रांतिकारी गतिविधियों में संलिप्त थे। यहां तक कि जिन दुकानों से बम बनाने का सामान खरीदा गया था, उनके कर्मचारियों ने भी गवाही दी।
नई किताब में खुलासा, आगरा के दस्तावेज़ और गवाहियां
पटना के सुधीर सिंह, जिन्होंने लाहौर षडयंत्र केस की प्रोसिडिंग बुक की मूल प्रति से ये सभी दस्तावेज जुटाए हैं, ने बताया कि इस केस में आगरा के 25 लोगों ने गवाही दी थी। इन गवाहियों में मकान मालिक, दुकानदार, मैनेजर, पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट शामिल थे। भगत सिंह और उनके साथियों के आगरा में गुजारे गए दिनों और उनके परिवारजनों के संस्मरणों पर आधारित एक नई किताब भी अब तैयार हो चुकी है, जो क्रांतिकारी इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय को सामने लाएगी।