Brijbhushan Sharan Singh, Congress put wrestlers at stake, will go to Haryana if necessary – Brijbhushan | बजरंग के चुनौती पर बृजभूषण बोले-आवश्यकता पड़ने पर जाऊंगा हरियाणा: जैसे पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाकर जुआ खेला था, कांग्रेस ने पहलवानों को दांव पर लगाया – Gonda News

गोंडा के कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह में अपने विश्नोहरपुर स्थित आवास पर लोगों की समस्याएं सुनी और अधिकारियों को निस्तारित करने के निर्देश दिए। वही बजरंग पूनिया द्वारा हरियाणा में आने की चुनौती दिए जाने को लेकर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि क
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1974 में जब मेरा घर गिराया गया था। पहला मुकदमा लगा था। तब भी कांग्रेस की ही सरकार थी। मैं तिहाड़ जेल में बंद हुआ, तब भी कांग्रेस की ही सरकार थी। यह कांग्रेस मेरी कुंडली में बैठी हुई है जबकि मेरा पुराना परिवार कांग्रेसी है मेरे बाबा जो हैं, गोंडा से पहले कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। जब कोई घटना घटती है, तो कांग्रेस उसमें मेरे खिलाफ रहती है।
दीपेंद्र हुड्डा कर रहे थे पहलवानों का प्रदर्शन
वहीं इस आंदोलन में टुकड़े-टुकड़े गैंग के शामिल होने के सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि यह कनेक्शन तो जंतर-मंतर पर दिखाई ही दिया। इसमें सब लोग शामिल थे। लेकिन लीड कौन कर रहा था दीपेंद्र हुड्डा कर रहे थे। प्रियंका गांधी आई थी। प्रियंका से बड़ा नाम इस देश में कोई है नहीं, कांग्रेस का एक बड़ा नाम है।
आज की घटनाक्रम के जो सीक्वेंस मिल रहे हैं। वह कांग्रेस के खिलाफ जा रहे हैं। वहीं कोर्ट में चल रहे अपने आरोपों को लेकर बृजभूषण ने कहा कि तीन प्रमुख घटनाएं पूरे मामले में है। एक घटना में मैं सर्बिया हूं और दो घटना में मैं लखनऊ में हूं। तीनों घटनाओं में मैं बाहर हूं। जब सारी चीज यह निकाल करके आएंगे, उसे समय इनका जवाब देते नहीं बनेगा।
बजरंग पूनिया की मानसिकता खराब
वहीं बजरंग पूनिया के बृजभूषण की मानसिकता खराब हो गई है के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मानसिकता तो बजरंग पूनिया की खराब है कि उन्होंने अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिया। मैं उनसे एक सवाल पूछना चाहता हूं कि वह एशियन गेम्स में बिना ट्रायल के खेलने क्यों गए। पहलवान काली रमन हर जगह दरवाजा खटखटाया इंसाफ के लिए कुश्ती संघ के पास आया। कोर्ट में जाने की भी कोशिश की। सरकार में भी गया और यह बिना ट्रायल के कैसे चले गए।
ये पहलवानों का प्रदर्शन नहीं, एक परिवार का प्रदर्शन था
वहीं धरने पर बैठे पहलवानों पर निशाना साधते हुए कहा कि आप लोग पहलवानों के धरने का नाम क्यों लेते है। यह पहलवानों का प्रदर्शन नहीं था। यह एक परिवार का प्रदर्शन था। जब पहलवान कहते हैं, तो एक समूह आ जाता है। क्या पहलवान पंजाब में हरियाणा में नहीं है। क्या पहलवान महाराष्ट्र में नहीं है। बिहार में नहीं है, यूपी में नहीं है, बंगाल में नहीं है, शिमला में नहीं है, पहलवानों को क्यों कह रहे हो।
बहन-बेटियों के सम्मान के साथ हुड्डा फैमिली ने खेला
वहीं बृजभूषण शरण सिंह ने इन पहलवान की द्रौपदी से तुलना करते हुए कहा कि जब घटनाएं जब घटती है, तो दिमाग चलता है। महाभारत में द्रोपदी को दांव पर रख करके जुआ खेला गया था। पांडव हार गए। देश अभी भी इस बात को लेकर पांडवों को मान नहीं रहा है। वैसे जो गांव हमारी बहन-बेटियों के सम्मान को लगा करके हुड्डा फैमिली ने खेला है। इस बात को भी देश नहीं मान रहा है।
वहीं दिल्ली हाई कोर्ट जाने को लेकर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि जब मैं बाहर था, तो हमारे खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र क्यों दाखिल किया। इसी मामले को लेकर के हम हाई कोर्ट गए हैं। हाईकोर्ट में हम अपनी पूरी बात रख रहे हैं। इसी बात को लेकर कि हम कोर्ट गए हैं।