Got a new life after 15 hours of surgery in Noida There was a boil the size of an orange in the great artery, both the arteries were closed, there was a danger of heart attack. | नोएडा में 15 घंटे सर्जरी के बाद मिला नया जीवन: महा धमनी में संतरे का आकार था फोड़ा, दोनों धननियां थी बंद, हार्ट अटैक का था खतरा – Noida (Gautambudh Nagar) News

15 घंटे तक चली सर्जरी के बारे में जानकारी देते डॉक्टर।
नोएडा के कैलाश अस्पताल में आए एक मरीज की मुख्य महा धमनी अरोटा में संतरे के आकार का फोड़ा था। जिसके फटने से उनकी जान जा सकती थी। कोरोनरी एंजियोग्राफी में आया कि उनके हार्ट तक पहुंचाने वाली दो महत्वपूर्ण धमनिया भी बंद थी। जिससे हार्ट अटैक हो सकता था। इत
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कैलाश अस्पताल के मुख्य कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जन डॉक्टर सतीश सिंह विष्ट ने बताया कि नोएडा निवासी बिशन सिंह बिष्ट को कुछ दिनों पहले गंभीर हालत में कैलाश अस्पताल लाया गया था। उनकी आवाज तक जा चुकी थी। उनकी जांच शुरू की गई। जांच में सामने आया कि बिशन सिंह विष्ट के शरीर की मुख्य महा धमनी में संतरे के आकार का फोड़ा है। जिसके फटने से जान को खतरा था। उनकी दोनों धमनियां बंद है।
डॉक्टर व स्टॉफ के साथ मरीज बिशन सिंह बिष्ट
तीन चरण में की गई सर्जरी
- डा. सतीश मैथ्यू के नेतृत्व में हार्ट सर्जरी की टीम ने मरीज की जान के खतरे को देखते हुए तीन चरणों में सर्जरी प्लान की।
- प्रथम चरण में दो बाइपास ग्राफ्ट से हार्ट की रक्त वाहिनियों को बाईपास किया गया।
- दूसरे चरण में महा धमनी से अन्य मुख्य रक्त वाहिनियों को जो मस्तिष्क में व हाथों में रक्त पहुंचाती है को ग्राफ्ट लगाकर बाइपास किया गया।
- तृतीय चरण में मरीज को कार्डियक कैथ लैब में लेकर मुख्य महा धमनी में एक एन्ड्रोग्राफ्ट लगाया। जिसने वह फोड़े के आकार का एन्ट्री पाइंट एन्यूरिस्म सील कर दिया।
15 घंटे तक चली सर्जरी
डॉक्टर ने बताया कि इस सर्जरी में करीब 15 घंटे का समय लगा। सर्जरी के दौरान हर फेज के बाद ब्रेक लिया गया। इसमें मरीज की कंडीशन देखी गई। उनके सभी अंग कितना रिस्पॉन्स कर रहे है। इसकी डेटा रिकार्ड किया गया। इसके बाद अगले फेज की तरफ बढ़ा गया। ये चुनौती पूर्ण था। लेकिन इस सर्जरी को अंजाम दिया गया।

सर्जरी के बारे में जानकारी देते डॉक्टर
सात दिन डॉक्टर की ऑब्जर्वेशन में रहे बिष्ट सर्जरी के बाद बिष्ट को आईसीयू में शिफ्ट किया गया। सात दिनों तक डॉक्टरों एवं स्टाफ की निगरानी में रहे। उसके बाद डाक्टरों की टीम ने जांच कर सकुशल अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। मरीज के परिजनों ने डा. सतीश मैथ्यू और उनकी पूरी टीम को हृदय से आभार प्रकट किया कि इस टीम की वजह से बिशन सिंह विष्ट को नया जीवन मिला।

सर्जरी करने वाली टीम के साथ मरीज
ये डॉक्टर टीम रहे शामिल इस सफल ऑपरेशन में डा. सतीश मैथ्यू की अनुभवी टीम कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉक्टर सौरभ राय, डॉक्टर तौसीफ अख्तर और एनेस्थेटिक डॉक्टर रितेश अरोरा व डाक्टर शिरीन वर्गीस एवं परफ्यूसनिट संदीप कडंगा, नर्स एवं टेक्निशियन आदि शामिल हुए।