उत्तर प्रदेश

Rakshabandhan festival today lucknow do not tie Rakhi during Bhadra period | रक्षाबंधन पर्व आज, भद्राकाल में कतई न बांधें राखी: शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 08:52 तक, भद्राकाल में शुभ कार्य होता है वर्जित – Lucknow News

रक्षाबंधन यानी रक्षा का बंधन, इस दिन वहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उनके बेहतर कल के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। वही भाई अपने वहन की आजीवन रक्षा के लिए संकल्प लेते है। ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि पंचांग के अनसार इस वर्ष रक्षा

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आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि प्रदोष काल की बात करें तो शाम 6:56 से रात 9:00 तक प्रदोष काल में भी शुभ मुहूर्त है । 19 अगस्त के दिन प्रातः 3:04 पर पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है। इसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन ही शक्ल यजर्वेद के अनयाई उपाक्रम अर्थात जनेऊ संस्कार करते है।

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त: रक्षाबंधन पर्व पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि तिथि के अंत की 6 घटी और पूर्ण तिथि के प्रारंभ की चार घाटी के दौरान भद्रा काल होता है। इस समय में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। आचार्य देव ने बताया कि इस वर्ष 19 तारीख प्रातः 3:04 बजे पूर्ण तिथि पूर्णिमा शुभ हो जाएगी। जिसने वर घटी के अनुसार लगभग दोपहर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।

ज्योतिषाचार्य एमएस नागपाल ने बताया कि रक्षाबंधन के साथ ही सावन का पांचवां व अन्तिम सोमबार भी है। इररी दिन बाथम मास का समापन पर होगा। पूर्णिमा का व्रत और स्नान, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग है।

भद्रा का विचार तीन प्रकार से किया जाता है: रक्षाबंधन भद्रा पूछ विचार 9:51 से सुबह 10:53 तक किया जाएगा। भद्रा मख विचार सवह 10:53 में 12:37 तक किया जाएगा। इसके अलावा दोपहर 1:30 के बाद भद्रा का अंत माना जाएगा। रात्रि 9 कज कर 3 मिनट तक रक्षा बंधन का शुभ महूर्त रहेगा।भाई-बहन के स्नेह का पर्क रक्षाबंधन त्यौहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधे रखता है। इस दिन बहने व्रत रखकर शुभ महूत में अपने भाई को राखी बांधती है और टीका लगाती है। भाई बहनों को रक्षा का वचन और उपहार देते है। भगवान कृष्ण के एक बार हाथ में बोट लग गई थी, तो द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ में बांध था। श्री कृष्ण ने उसे रक्षा सूत्र मानते हुये कौरवों की सभा में द्रोपदी की लाज बचाई थी। रक्षा बंधन के समय वोले जाने वाला मंत्र येन वद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वामभिवानामि यो माचल माचल।

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